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कायाकल्प करने में जुटी ओएनजीसी

तेल व गैस क्षेत्र की सरकारी कंपनी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) अपना कायाकल्प करने का मसौदा तैयार कर रही है।

By NiteshEdited By: Published: Mon, 28 Jan 2019 10:18 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jan 2019 10:18 AM (IST)
कायाकल्प करने में जुटी ओएनजीसी
कायाकल्प करने में जुटी ओएनजीसी

नई दिल्ली (जयप्रकाश रंजन)। तेल व गैस क्षेत्र की सरकारी कंपनी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) अपना कायाकल्प करने का मसौदा तैयार कर रही है। इसके तहत उसने अगले दो दशकों में न सिर्फ दुनिया की एक महत्वपूर्ण ऊर्जा कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है, बल्कि इसके जरिये वह कच्चे तेल पर भारत की मौजूदा निर्भरता को कम करने में भी अहम भूमिका निभाना चाहती है। ओएनजीसी के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर (सीएमडी) शशि शंकर ने एलान किया है कि उनकी कंपनी ‘विजन-2040’ तैयार कर रही है।

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विजन-2040 को अभी कंपनी के प्रबंधन की तरफ से गठित एक समिति तैयार कर रही है जिसे सरकार की मंजूरी के बाद सार्वजनिक किया जाएगा। इसे तैयार करने में जुटे अधिकारियों का कहना है कि दुनिया के एनर्जी सेक्टर में जिस तरह से बदलाव आ रहा है, उसे देखते हुए अगले दो दशकों में ओएनजीसी की गतिविधियों का केंद्र कच्चा तेल नहीं बल्कि गैस होगा। कंपनी की सब्सिडियरी ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) की इसमें अहम भूमिका होगी क्योंकि वह एलएनजी टर्मिनल लगाएगी। यह एलएनजी टर्मिनल देश या विदेश में हो सकता है। वैसे, ओवीएल इरान में एक एलएनजी टर्मिनल लगाने की योजना पर पहले भी विचार कर रही थी जिसे फिलहाल त्याग दिया गया है। लेकिन अधिकारी मानते हैं कि भारत नियंत्रित चाबहार पोर्ट के पास अपना एलएनजी टर्मिनल बढ़िया विकल्प हो सकता है।

सरकार जिस तरह से भारत को दुनिया का एक प्रमुख रिफाइनिंग हब के तौर पर विकसित करना चाहती है उसमें भी ओएनजीसी की अहम भूमिका होगी और यह विजन-2040 का एक अहम हिस्सा होगा। ओएनजीसी ने डेढ़ वर्ष पहले एक अन्य सरकारी तेल कंपनी एचपीसीएल में 51.11 फीसद हिस्सेदारी खरीदी है जबकि एमआरपीएल नाम की एक रिफाइनिंग सब्सिडियरी है। इसकी मौजूदा क्षमता 1.5 करोड़ है जिसे 2.5 करोड़ टन सालाना किया जा रहा है। एचपीसीएल की क्षमता भी बढ़ा कर 1.5 करोड़ टन किया जा रहा है। ओएनजीसी की योजना दो दशकों में पूरे रिफाइनिंग कारोबार को एक कंपनी के तहत लाने की है।

पेट्रो-रसायन कारोबार को लेकर भी कंपनी की बेहद महत्वाकांक्षी योजना है। ओएनजीसी की दो सहायक इकाइयों ओएनजीसी पेट्रो एडिशंस लिमिटेड (ओपीएएल) और ओएनजीसी मैंगलोर पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (ओएमपीएल) के कारोबार के बीच अगले पांच वर्षों में काफी हद तक समन्वय हो जाएगा जिससे इनके एकीकरण की राह भी आसान होगी। जानकारों के मुताबिक विजन-2040 के जरिए ओएनजीसी दो दशक बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके भारत की ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने में अपना योगदान देगी। 


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