मैगी पर नेस्ले इंडिया से 640 करोड़ रुपये वसूलेगी सरकार
मैगी नूडल्स बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया से सरकार 640 करोड़ रुपये का हर्जाना वसूलेगी। इसके लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग (एनसीडीआरसी) में मंगलवार को मामला दर्ज करा दिया गया। हर्जाने का दावा कारोबार में उचित तरीका नहीं अपनाने, झूठा लेबल लगाने और भ्रामक विज्ञापन के आधार पर किया
नई दिल्ली। मैगी नूडल्स बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया से सरकार 640 करोड़ रुपये का हर्जाना वसूलेगी। इसके लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग (एनसीडीआरसी) में मंगलवार को मामला दर्ज करा दिया गया। हर्जाने का दावा कारोबार में उचित तरीका नहीं अपनाने, झूठा लेबल लगाने और भ्रामक विज्ञापन के आधार पर किया गया है। कंपनी के खिलाफ मामला लगभग तीन दशक पुराने उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत दर्ज कराया गया है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा, 'हमने पहले ही मैगी मुद्दे को लेकर एनसीडीआरसी में नेस्ले इंडिया के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की सिफारिश कर दी थी।' उन्होंने लेकिन यह कहा कि सोमवार को संसद में पेश उपभोक्ता संरक्षण विधेयक उपभोक्ताओं की शिकायत के समाधान को और प्रभावी बनाएगा। उधर, सरकार के कदम पर नेस्ले इंडिया के प्रवक्ता ने कोई टिप्पणी नहीं की। प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी को इस मुद्दे पर अभी कोई सूचना ही नहीं मिली है।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने पहली बार उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12-1-डी का प्रयोग किया है। इस धारा के तहत केंद्र और राज्य दोनों को शिकायत दर्ज कराने का अधिकार है। सूत्रों के मुताबिक, 'पहली बार सरकार ने नेस्ले इंडिया के खिलाफ जो कदम उठाया है उससे अन्य कंपनियों को भी संदेश जाएगा। इस कदम का मकसद कंपनियों को यह बताना है कि वह देश में घटिया किस्म का उत्पाद नहीं बेचें और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ ना करें।'
राज्यसभा में उठा मुद्दा
मैगी का मुद्दा मंगलवार को राज्यसभा में भी उठा। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि मैगी के नमूनों में सीसे की मात्रा 2.5 पीपीएम (कण प्रति दस लाख) की तय सीमा से ज्यादा पाई गई। इसके साथ ही उसने एमएसजी की मात्रा को लेकर भ्रामक लेबल लगाए। विभिन्न राज्यों की प्रयोगशालाओं में सीसे व एमएसजी की मात्रा ज्यादा पाई गई। यह स्वास्थ्य के लिए घातक है। इसके बाद 5 जून 2015 को मैगी नूडल्स पर देश में रोक लगा दी गई थी।