रेल के बाद अब गैस और तेल की बारी, तैयार रहें आप
नई दिल्ली। रेल किराया महंगा होने के बाद अब एक बार फिर से लोगों को बढ़ती महंगाई के लिए तैयार होना पड़ेगा। इसकी वजह है कि सरकार अब डीजल और गैस सिलेंडर की कीमत में इजाफा करने का मन बना रही है। माना जा रहा है कि गैस सिलेंडर पर सरकार साठ से लेकर सौ रुपये तक बढ़ा सकती है। वहीं डीजल में तीन रुपये की वृद्धि की
नई दिल्ली। रेल किराया महंगा होने के बाद अब एक बार फिर से लोगों को बढ़ती महंगाई के लिए तैयार होना पड़ेगा। इसकी वजह है कि सरकार अब डीजल और गैस सिलेंडर की कीमत में इजाफा करने का मन बना रही है। माना जा रहा है कि गैस सिलेंडर पर सरकार साठ से लेकर सौ रुपये तक बढ़ा सकती है। वहीं डीजल में तीन रुपये की वृद्धि की जा सकती है। सरकार ने साफ किया है कि वह सब्सिडी का बोझ अकेले नहीं उठा सकती है। इस लिहाज से गुरुवार का दिन महंगाई का डबल झटका देने वाला हो सकता है।
बुधवार को रेल किराए में बढ़ोत्तरी के ऐलान के बाद अब डीजल और रसोई गैस की कीमतों में भी इजाफा हो सकता है। डीजल व रसोई गैस की कीमतों के संदर्भ में गुरुवार को कैबिनेट की एक बैठक होने वाली है। इस बैठक में कीमतें बढ़ाए जाने संबंधी फैसला लिया जा सकता है। बढ़ते वित्तीय घाटे को कम करने के लिए सरकार पेट्रोलियम पदाथरें के दाम बढ़ा सकती है। इसीलिए डीजल और घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोत्तरी संभव है।
माना जा रहा है कि डीजल के दामों में 3 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोत्तरी की जा सकती है। ऐसा होने पर दिल्ली में 47.15 रुपए में मिलने वाला डीजल 50.15 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा मुंबई में 53.14 रुपए से बढ़कर 56.14 रुपये और कोलकाता में 50.98 रुपये से बढ़कर 53.98 रुपये हो जाएगा। डीजल के दाम बढ़ने का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। डीजल की कीमत बढ़ने के साथ ही ट्रांसपोर्ट महंगा हो जाता है, और माल ढुलाई के महंगा होते ही सब कुछ महंगा हो जाएगा।
इस दौरान गाज सब्सिडी वाले सिलेंडर पर भी गिर सकती है और यह भी महंगे हो सकते हैं। माना जा रहा है कि सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमत में करीब 120. रुपए प्रति सिलेंडर की बढ़ोत्तरी हो सकती है। यदि ऐसा होता है तो जो सब्सिडी वाला सिलेंडर अभी तक 415.50 रुपए का वह बढ़ोत्तरी के बाद 535.50 रुपए का हो सकता है। हालांकि इस बीच सरकार सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की संख्या 6 से बढ़ाकर 9 सिलेंडर करने पर भी विचार कर रही है। केंद्र सरकार इस दौरान विजय केलकर समिति की सिफारिशों पर भी विचार कर सकती है। केलकर समिति ने डीजल की कीमतों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के साथ-साथ घरेलू गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाने की सिफारिश की थी।