Move to Jagran APP

Air India के कर्ज पर बोलीकर्ताओं को शर्तों में कुछ राहत राहत संभव, दीपम सचिव ने दी जानकारी

Air India के निजीकरण के लिए सरकार इस विमानन कंपनी के संभावित निवेशकों को इसके कर्ज पर शर्तों में कुछ राहत दे सकती है। दीपम सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा कि संभावित निवेशकों के लिए 60074 करोड़ के कर्ज के मामले में कुछ लचीला रुख अपनाया जा सकता है।

By Manish MishraEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 11:07 AM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 11:07 AM (IST)
Air India के कर्ज पर बोलीकर्ताओं को शर्तों में कुछ राहत राहत संभव, दीपम सचिव ने दी जानकारी
Government is planning to give flexibility to potential investors to decide on the humongous debt of Air India

नई दिल्ली, पीटीआइ। एयर इंडिया के निजीकरण के लिए सरकार इस विमानन कंपनी के संभावित निवेशकों को इसके कर्ज पर शर्तों में कुछ राहत दे सकती है। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा कि संभावित निवेशकों के लिए एयर इंडिया के 60,074 करोड़ रुपये के कर्ज के मामले में कुछ लचीला रुख अपनाया जा सकता है। मौजूदा शर्त यह है कि खरीदार को एयरलाइन का एक-तिहाई से अधिक कर्ज वहन करना होगा। शेष कर्ज को स्पेशल परपस व्हीकल (एसपीवी) को स्थानांतरित किया जाएगा।

loksabha election banner

पांडेय के मुताबिक एयर इंडिया के संभावित निवेशक चाहते हैं कि कोविड-19 की वजह से विमानन क्षेत्र में जो अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे देखते हुए कर्ज की मात्रा ईओआइ के चरण में तय नहीं किया जाना चाहिए। दीपम द्वारा जनवरी में जारी ईओआइ पत्र के अनुसार एयर इंडिया पर 31 मार्च, 2019 तक 60,074 करोड़ रुपये का कर्ज था। एयरलाइन के खरीदार को इसमें से 23,286.5 करोड़ रुपये का कर्ज लेना होगा। शेष कर्ज को विशेष इकाई एयर इंडिया असेट्स होल्डिंग लि.(एआइएएचएल) को स्थानांतरित किया जाएगा। 

सरकार की योजना राष्ट्रीय विमानन कंपनी में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की है। इसमें एयर इंडिया की एयर इंडिया एक्सप्रेस लि. में 100 प्रतिशत और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लि. में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल है। पांडे का कहना था कि एयर इंडिया के मामले में हम कर्ज के मसले पर निवेशकों की शंकाओं के समाधान की कोशिश करेंगे। इसे किस तरह पेश किया जाए, हम इसकी समीक्षा कर रहे हैं। यदि प्रारंभिक सूचना ज्ञापन (पीआइएम) में कुछ बदलाव होता है, तो संभावित निवेशकों को अपने सवालों के लिए कुछ समय दिया जाएगा। 

कोविड-19 की वजह से विमानन क्षेत्र में काफी अनिश्चितता है और उसी के अनुरूप हम इस सौदे का ढांचा बनाएंगे।पांडेय के मुताबिक एक विचार यह है कि बाजार के जरिये यह तय हो और इसे पहले चरण में निर्धारित नहीं किया जाए। एयर इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेटिव मैकेनिज्म (एआइएसएएम) इस बात पर अंतिम फैसला करेगा कि कंपनी के लिए बोली इक्विटी मूल्य के हिसाब से हो या उपक्रम के मूल्य के हिसाब से।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.