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प्याज पर हरकत में आई सरकार

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। प्याज की आसमान छूती कीमतों पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। जमाखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का राज्य सरकारों को निर्देश देने के बाद अब इसका न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) बढ़ाकर

By Edited By: Published: Thu, 19 Sep 2013 11:36 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
प्याज पर हरकत में आई सरकार

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। प्याज की आसमान छूती कीमतों पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। जमाखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का राज्य सरकारों को निर्देश देने के बाद अब इसका न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) बढ़ाकर 900 डॉलर प्रति टन कर दिया है। इससे निर्यात पर अंकुश लगेगा। उधर, विलायती प्याज और दक्षिण भारत की उत्पादक मंडियों में घरेलू प्याज की आवक शुरू हो गई है।

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हालांकि, उपभोक्ता मंडियों और खुदरा बाजारों में अभी भी प्याज के दाम सातवें आसमान पर हैं। देश के ज्यादातर हिस्सों में यह 70-80 रुपये किलो मिल रहा है। इसे नीचे आने में दो-तीन हफ्ते लगेंगे। खाद्य राज्य मंत्री केवी थामस और कृषि मंत्री शरद पवार ने प्याज की मांग व आपूर्ति के ताजा हालात की गुरुवार को समीक्षा की। दोनों मंत्रियों ने अलग-अलग बयानों में कहा है कि अगले दो-तीन सप्ताह में प्याज की नई फसल आ जाएगी। इससे महंगी प्याज से आजिज उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।

पवार ने जोर देकर कहा कि महाराष्ट्र की नई फसल के मंडियों में पहुंचते ही बाजार ठंडा हो जाएगा। उन्होंने माना कि महाराष्ट्र में जिन लोगों के पास भंडारण की अच्छी सुविधा है, वे प्याज की जमाखोरी कर सकते हैं। इसीलिए राज्य सरकारों से उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है। वहीं, थॉमस ने प्याज को आवश्यक जिंस घोषित करने के सरकार की किसी योजना से इन्कार किया।

दूसरी ओर, मिस्त्र से आयातित प्याज के 25 कंटेनरों की पहली खेप मुंबई बंदरगाह पर पहुंच गई है। इसी तरह, उत्तरी क्षेत्र में बाघा सीमा के रास्ते सड़क मार्ग से पाकिस्तानी प्याज पहुंची है। वहीं, प्याज के के एमईपी में 250 डॉलर प्रति टन की वृद्धि की गई है। पहले यह 650 डॉलर प्रति टन था। कर्नाटक में खरीफ की नई फसल वाली प्याज मंडियों में आने लगी है। बेंगलूर की थोक मंडी में गुरुवार को तकरीबन 400 ट्रक और हुबली में 50 ट्रक प्याज की आवक हुई। आंध्र प्रदेश की मंडियों में भी प्याज की आवक चालू हो गई है। महाराष्ट्र में बारिश के चलते प्याज आने में देर हो सकती है। उत्तरी क्षेत्र में बढ़े मूल्यों को देखते हुए वहां की ज्यादातर प्याज दूसरे राज्यों में जा रही है।


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