सबसे बड़ी आर्थिक चुनौती से लडऩे में जुटी मोदी सरकार
सत्ता संभालने के बाद से राजग सरकार अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी आर्थिक चुनौती का सामना कर रही है। रोजगार बढ़ाने, महंगाई रोकने और अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने के वादे के साथ सत्ता में आई सरकार ने सोमवार को स्वीकार किया कि यह चुनौती बड़ी है। इसलिए शेयर, मुद्रा और
नई दिल्ली, [जयप्रकाश रंजन]। सत्ता संभालने के बाद से राजग सरकार अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी आर्थिक चुनौती का सामना कर रही है। रोजगार बढ़ाने, महंगाई रोकने और अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने के वादे के साथ सत्ता में आई सरकार ने सोमवार को स्वीकार किया कि यह चुनौती बड़ी है। इसलिए शेयर, मुद्रा और कमोडिटी बाजार में मंदी की खबर आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं हालात की समीक्षा की।
सरकार ने यह भी संकेत दिए हैं कि आर्थिक सुधार के लंबित मुद्दों को अब बगैर किसी देरी के आगे बढ़ाया जाएगा। इसमें श्रम सुधार जैसे अहम मुद्दे भी शामिल हैं, ताकि भारत के प्रति निवेशक समुदाय के भरोसे को बढ़ाया जा सके। साथ ही सरकार की तरफ से सार्वजनिक निवेश को बढ़ाने का अभियान भी चलाया जाएगा। वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) कानून लागू करने के लिए सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाने का भी एलान करने जा रही है।
हालात से निबटने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुआई में पूरी टीम जुट गई है। इसमें वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा भी अहम भूमिका निभाएंगे, क्योंकि एक इंवेस्टमेंट बैंकर के तौर पर उनके अनुभव इस संकट से जूझने में काम आएंगे।
जेटली ने सोमवार को दिन में ही अपने मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग को पूरे हालात की समीक्षा करने और देश पर ग्लोबल मंदी के पडऩे वाले असर पर रिपोर्ट तैयार करने को कहा। शाम तक विभाग ने यह रिपोर्ट भी दे दी। साथ ही वित्त मंत्री ने आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन से भी बात की। यह सहमति बनी कि केंद्रीय बैंक को हालात बिगडऩे से पहले एहतियाती कदम उठाने होंगे। इसके साथ ही भारतीय स्टेट बैंक की प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य को भी कहा गया है कि वह रुपये की गिरावट को रोकने के लिए मुद्रा बाजार में और ज्यादा सक्रियता दिखाएं।
उठाए जाएंगे सुधार के बड़े कदम
वित्त मंत्री जेटली ने बाद में बताया कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए और कदम उठाए जाएं। सरकार के सामने सार्वजनिक निवेश बढ़ाने का विकल्प है। माना जा रहा है कि राजग सरकार अगले एक दो दिनों के भीतर रेलवे, पावर ट्रांसमिशन और सामाजिक विकास के अन्य कार्यक्रमों में बड़े निवेशों का एलान करेगी।
सरकार कांग्रेस के विरोध को दरकिनार कर जीएसटी लागू करने के लिए संसद का विशेष सत्र भी बुलाने जा रही है। इसका एलान मंगलवार को संभव है। श्रम सुधार को तुरंत लागू करने का भी मन बनाया जा चुका है।
इसके तहत चार अहम श्रम कानूनों में व्यापक बदलाव करते हुए उन्हें एक ही कानून के तहत लाया जाएगा। इसे श्रम क्षेत्र में आजादी के बाद का सबसे बड़ा सुधारवादी कदम बताया जा रहा है।