Move to Jagran APP

सरकार ने प्राकृतिक गैस की कीमतों में की 12 फीसद की कटौती

सरकार ने मुश्किल क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमत भी 9.32 डॉलर से घटाकर 8.43 डॉलर प्रति यूनिट कर दी है। इससे पहले प्राकृतिक गैस की कीमतों में पहली अप्रैल 2017 को कटौती की गई थी।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 08:49 AM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 10:53 AM (IST)
सरकार ने प्राकृतिक गैस की कीमतों में की 12 फीसद की कटौती
सरकार ने प्राकृतिक गैस की कीमतों में की 12 फीसद की कटौती

नई दिल्ली, एजेंसी। सरकार ने सोमवार को घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमत 12 फीसद घटा दी। इस ईंधन की कीमत ढाई साल में पहली बार घटाई गई है। नई कीमत अगले छह माह के लिए पहली अक्टूबर से लागू होगी।

loksabha election banner

पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) के मुताबिक, सरकारी कंपनियों ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड के प्राकृतिक गैस की कीमत 3.69 डॉलर से घटाकर 3.23 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) कर दी गई है। इन दोनों कंपनियों का भारत के गैस उत्पादन में बड़ा योगदान है।

सरकार ने मुश्किल क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमत भी 9.32 डॉलर से घटाकर 8.43 डॉलर प्रति यूनिट कर दी है। इससे पहले प्राकृतिक गैस की कीमतों में पहली अप्रैल, 2017 को कटौती की गई थी। हालांकि रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी-डी6 ब्लॉक के मुश्किल फील्ड्स से उत्पादित गैस की कीमतें लगभग उसी स्तर पर रहेंगी, जो यूपीए सरकार के जमाने में तय की गई थीं।

प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल उर्वरक और बिजली उत्पादन में किया जाता है। इसके अलावा इसे सीएनजी में कंवर्ट करके वाहन ईंधन के तौर पर और कुकिंग गैस में कंवर्ट करके घरों में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए कीमतों में कटौती का इन क्षेत्रों पर सकारात्मक असर देखने को मिलेगा।

केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के बाद पूर्ववर्ती यूपीए सरकार का ‘गैस प्राइसिंग फॉमरूला’ खत्म कर दिया था। यूपीए सरकार के दौरान घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमत भारत को एलएनजी एक्सपोर्ट करने वालों को मिली नेटबैक कीमत और वैश्विक गैस उत्पादकों द्वारा तय कीमत के औसत के आधार पर तय की जाती थी।

पहली अप्रैल, 2014 को इस फॉमरूले से तय प्राकृतिक गैस की कीमत 8.4 डॉलर प्रति यूनिट थी, जिसका उस वक्त प्रचलित स्तर 4.2 डॉलर था। सी. रंगराजन की अगुवाई वाली एक उच्च अधिकार प्राप्त समिति ने 2014 में इस निचली कीमत की सिफारिश की थी। मोदी सरकार ने इस फॉमरूले को गैस निर्यात करने वाले देशों, मसलन अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और रूस में औसत कीमतों से बदल दिया। इससे कीमत घटकर 5.05 डॉलर पर आ गई। इस कीमत को नवंबर, 2014 में लागू किया गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.