इकोनॉमी को कैसे मिलेगी रफ्तार: पढ़िए, सरकार की एक महीने की ये बड़ी घोषणाएं
इसके बाद वित्त मंत्री ने अगले ही सप्ताह दस बैंकों के विलय से चार बड़े बैंक बनाने का ऐतिहासिक एलान किया। यह कदम बैंकों की क्षमता बढ़ाएगा और उनके एनपीए को नियंत्रित करेगा।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। इकोनॉमी को रफ्तार देने के लिए सरकार ने बीते 22 अगस्त को जो सिलसिला शुरू किया था वह शुक्रवार को भी जारी रहा। शुक्रवार के एलान से पूर्व अब तक सरकार बजट में एफपीआइ पर बढ़े हुए सरचार्ज को वापस लेने से लेकर ऑटोमोबाइल उद्योगों के लिए राहत और बैंकों के विलय के साथ-साथ हाउसिंग सेक्टर के लिए 70 हजार करोड़ रुपये के पैकेज का एलान कर चुकी है। शुक्रवार को कॉरपोरेट सेक्टर के लिए 1.45 लाख करोड़ रुपये का पैकेज घोषित कर सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इकोनॉमी की रफ्तार के लिए वह प्रत्येक मुमकिन कदम उठाने को तैयार है।
सरकार ने सुस्त हो रही इकोनॉमी में जान फूंकने का पहला कदम 22 अगस्त को उठाया, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विदेशी संस्थागत निवेशकों पर बजट में बढ़े हुए सरचार्ज को वापस लेने की बात कही। साथ ही वित्त मंत्री ने ऑटो सेक्टर को राहत देने के लिए सरकारी विभागों पर से पेट्रोल और डीजल गाड़ियां खरीदने की रोक वापस ले ली। बीएस-4 वाहनों को लेकर जारी भ्रम पर स्पष्टीकरण दिया और निर्यातकों का बकाया जीएसटी रिफंड सुनिश्चित करने का एलान किया। इन घोषणाओं से विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार में वापसी का रास्ता खुला, ऑटो उद्योग के लिए बीएस-4 वाहनों की इन्वेंट्री निकलने का रास्ता साफ हुआ और निर्यातकों के जीएसटी रिफंड मिलने की उम्मीद बढ़ी, जो उनकी वर्किग कैपिटल का एक बड़ा हिस्सा होती है।
इसके बाद वित्त मंत्री ने अगले ही सप्ताह दस बैंकों के विलय से चार बड़े बैंक बनाने का ऐतिहासिक एलान किया। यह कदम बैंकों की क्षमता बढ़ाएगा और उनके एनपीए को नियंत्रित करेगा। बैंकों की मदद में उतरी सरकार इससे पहले बैंकों को 70000 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद उपलब्ध कराने का एलान कर चुकी थी। इसके बाद सरकार ने पिछले शनिवार को फिर इकोनॉमी के लिए 70 हजार करोड़ रुपये का एलान किया। इसके तहत अधूरी पड़ी हाउसिंग परियोजनाओं के लिए नया फंड बनाने का एलान हुआ और निर्यात प्रोत्साहन के लिए नई स्कीम शुरू करने की घोषणा हुई। इन दोनों ही घोषणाओं का लंबे समय से इंतजार हो रहा था। हाउसिंग सेक्टर के लिए नया फंड बनने से एनसीआर सहित पूरे देश में लगभग 3.5 लाख फ्लैट खरीददारों को राहत मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा निर्यातकों के लिए नई स्कीम के साथ साथ अन्य घोषणाओं से भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यातकों को प्रतिस्पर्धी होने में मदद मिलेगी जिससे निर्यात बढ़ेगा।