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सरकार ने केंद्रीय लोक उपक्रमों से 12,000 मेगावाट की सौर परियोजनाएं स्थापित करने के लिए कहा

solar projects सरकार ने केंद्रीय लोक उपक्रमों से 12000 मेगा वाट की परियोजनाों की स्थापना के लिए कहा है। सरकार इसमें पब्लिक सेक्टर को भी बढ़ावा देना चाहती है। (PCPixabay)

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 05:45 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 05:45 PM (IST)
सरकार ने केंद्रीय लोक उपक्रमों से 12,000 मेगावाट की सौर परियोजनाएं स्थापित करने के लिए कहा
सरकार ने केंद्रीय लोक उपक्रमों से 12,000 मेगावाट की सौर परियोजनाएं स्थापित करने के लिए कहा

नई दिल्ली, पीटीआइ। अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में पब्लिक सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने केंद्रीय लोक उपक्रमों को फोटोवोल्टिक बिजली परियोजनाएं स्थापित करने को कहा है। ये परियोजनाएं 12,000 मेगावाट की ग्रिड से जुड़ी होंगी। सरकार का लक्ष्य साल 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से 1,75,000 मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन करना है। इसके लिए सरकार को शेष बचे समय में हर साल 30 हजार नई मेगावाट क्षमता की स्थापना करनी होगी।

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इससे पहले रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि देश नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने से चूक सकता है। क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि हालिया रफ्तार से सरकार साल 2022 के लिए तय किये गए अपने लक्ष्य से 42 फीसद पिछड़ सकती है। क्रिसिल की इस रिपोर्ट के बाद मंत्रालय द्वारा यह कदम उठाया गया है।

मंत्रालय ने नवीकरणीय ऊर्जा में पब्लिक सेक्टर से निवेश को आकर्षित करने के लिए CPSU स्कीम पार्ट-2 भी जारी किया है। सरकार इसके जरिये नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य तो पूरा करना चाहती ही है, साथ ही घरेलू सौर उपकरण विनिर्माण क्षमता को बढ़ाना चाहती है। साथ ही यह अगले 5 सालों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर सौ लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की दिशा में भी एक कदम है।

गौरतलब है कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने लोक उद्यम विभाग से अनुरोध किया है कि नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाना आर्थिक और वाणिज्यिक दृष्टि से अच्छा है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि सौर और पवन ऊर्जा जैसी नवीकरणीय ऊर्जा सस्ती हुई हैं।

वर्तमान में जलवायु परिवर्तन और खत्म होते परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के कारण नवीकरणीय ऊर्जा की आवश्यकता महसूस की जा रही है। आने वाले समय में इन ऊर्जा स्रोतों द्वारा ऊर्जा खपत को पूरा करने में एक बड़ा योगदान निभाए जाने की उम्मीद है। भारत इस दिशा में पूरी तैयारी के साथ काम कर रहा है।


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