Gold Jewellery पर हॉलमार्किंग जारी रहेगी, इसे वापस लेने की बात फर्जी : सरकार
gold hallmarking स्वर्ण आभूषणों पर हॉलमार्किंग अब तक स्वैच्छिक था यह कीमती धातु की शुद्धता का प्रमाणन है। जिन राज्यों के जिलों में पहले हॉलमार्किंग शुरू होगी उनमें उत्तर प्रदेश मध्यप्रदेश महाराष्ट्र राजस्थान गुजरात समेत दूसरे राज्य शामिल हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने gold jewellery की हॉलमार्किंग वापस लेने जैसी खबरों का खंडन किया है. सरकार की ओर से मंगलवार को कहा गया कि gold jewellery पर अनिवार्य रूप से ‘hallmarking’ जारी रहेगी और इसे अलग-अलग फेज के जरिये 16 जून से क्रियान्वित किया जा रहा है। साथ ही हॉलमार्किं वापस लेने की बात जिस सर्कुलर में कही जा रही है, वह फर्जी है।
दरअसल, कुछ सोशल मीडिया पर यह खबर चल रही है कि भारत सरकार ने गोल्ड ज्वैलरी पर अनिवार्य हॉलमार्किंग व्यवस्था वापस लेने का आदेश जारी किया है। इसी के बाद सरकार को यह सफाई देनी पड़ी है।
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एक आधिकारिक बयान में कहा गया, 'कुछ सोशल मीडिया पर यह खबर चल रही है कि भारत सरकार ने स्वर्ण आभूषणों पर अनिवार्य हॉलमार्किंग व्यवस्था वापस लेने का आदेश जारी किया है। यह पूरी तरह से फर्जी है।'
उल्लेखनीय है कि सोने के गहनों और कलाकृतियों के लिए अनिवार्य हॉलमार्किंग व्यवस्था 16 जून से फेज बाय फेज तरीके से लागू हो गई है। पहले फेज में 256 जिले शामिल हैं जिनमें हॉलमार्किंग का काम होगा। सरकार ने स्वर्ण हॉलमार्किंग के पहले चरण के क्रियान्वयन के लिए 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 256 जिलों की पहचान की है।
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मालूम हो स्वर्ण आभूषणों पर हॉलमार्किंग अब तक स्वैच्छिक था, यह कीमती धातु की शुद्धता का प्रमाणन है। जिन राज्यों के जिलों में पहले हॉलमार्किंग शुरू होगी उनमें उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात समेत दूसरे राज्य शामिल हैं। भारत में सोने के आभूषणों में हॉलमार्क की शुरुआत सन् 2000 से हुई।
14 जून 2018 को आए नोटिफिकेशन के अनुसार, गोल्ड ज्वैलरी, चांदी के आभूषण और Silver artefacts हॉलमार्क कैटेगरी में आते हैं, इसके अलावा gold artefacts भी इस कैटगरी में शामिल है।