बजट के बाद 5000 रुपये सस्ता हुआ सोना, क्या ये खरीदारी का सबसे सुनहरा मौका है?
Gold Price भारत अपनी गोल्ड की जरूरत का बड़ा हिस्सा आयात से पूरा करता है। यह चीन के बाद गोल्ड का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार देश है। ऐसे में गोल्ड पर बेसिक कस्टम ड्यूटी घटने से जौहरियों ग्राहकों और निवेशकों समेत सभी को फायदा हो रहा है। इससे सोने की डिमांड में भी बड़ा उछाल आने की उम्मीद है। साथ ही सोने की तस्करी पर भी अंकुश लग सकता है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को पेश बजट में सोने और चांदी पर बेसिक कस्टम ड्यूटी घटाने का एलान किया। उसके बाद से सोना प्रति 10 ग्राम के हिसाब से 5000 रुपये या फिर 7 फीसदी सस्ता हो गया है। इससे जेवरात के उन शौकीनों को बड़ी राहत मिली है, जो सोने की लगातार बढ़ती कीमतों के चलते खरीदारी टाल रहे थे।
एक्सपर्ट का कहना है कि सोने के भाव में यह गिरावट अधिक से अधिक लोगों को इस कीमती में निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगी, फिर चाहे वह कमोडिटी के रूप में हो या फिर फाइनेंशियल असेट के तौर पर। इसकी वजह है कि सोने को महंगाई और करेंसी में गिरावट के खिलाफ कारगर हथियार माना जाता है।
कस्टम ड्यूटी घटाने से कैसे होगा फायदा?
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भारत अपनी सोने की जरूरत की बड़ा हिस्सा आयात से पूरा करता है। यह चीन के बाद गोल्ड का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार देश है। पिछले साल भारत ने 45 अरब डॉलर से अधिक का सोना आयात किया। अब कस्टम ड्यूटी घटने से सोना आयात करना सस्ता हो जाएगा। इससे सोने की तस्करी (Gold Smuggling) पर अंकुश लगेगा और इसका फायदा देश के ऑर्गनाइज्ड ज्वैलरी सेक्टर को मिलेगा। उसकी ग्रोथ तेजी होगी।
एलपीके सिक्योरिटीज में कमोडिटी और करेंसी के वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतीन त्रिवेदी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, 'बेसिक कस्टम ड्यूटी में कटौती सोने के भाव सस्ता करेगी। यह बदलाव अचानक हुआ और इससे मार्केट सेंटिमेंट थोड़ा कमजोर हो सकता है, लेकिन रिटेल इन्वेस्टर्स गोल्ड की नई और अधिक लुभावनी कीमतों का लाभ उठाने के लिए निवेश बढ़ा सकते हैं।'
सोने की स्मगलिंग कैसे कम होगी?

भारत में गोल्ड स्मगलिंग एक बड़ी समस्या रही है। खासकर, दुबई जैसी जगहों से लोग जान जोखिम में डालकर तस्करी करते हैं। कुछ लोग सोने को अपने प्राइवेट में डालकर भी लाते पकड़े गए हैं। लेकिन, सोने पर कस्टम ड्यूटी घटने पर ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगेगा। मालाबार ग्रुप के चेयरमैन अहमद का कहना है कि कस्टम ड्यूटी कम करने से तस्करी में शामिल माफिया चेन को खत्म करने में मदद मिलेगी। इससे संगठित आभूषण क्षेत्र में वृद्धि होगी। साथ ही, जीएसटी और आयकर के माध्यम से सरकारी राजस्व में इजाफा होगा।
व्यापारी लंबे वक्त से सोने पर कस्टम ड्यूटी घटाने की मांग कर रहे थे। इससे गोल्ड स्मगलिंग में कमी आने की उम्मीद है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा है। नई दरों के साथ एक किलो सोने पर शुल्क 9.82 लाख रुपये से घटकर 3.93 लाख रुपये हो गया है। इससे सोने की तस्करी करने में ज्यादा फायदा नहीं रहने वाला। अब सरकार आसानी से गोल्ड स्मगलिंग की समस्या से निपट सकती है।
एमपी अहमद, मालाबार समूह के चेयरमैन
कितना और कैसे घटा सोने का भाव?

बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोने और चांदी के इंपोर्ट पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी करने का एलान किया। इससे मंगलवार को दिल्ली में सोने के भाव में 3,350 रुपये की भारी गिरावट आई और यह 72,300 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ गया। गिरावट का यह सिलसिला बुधवार को भी जारी और सोना 650 रुपये सस्ता हुआ। ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के मुताबिक, गुरुवार को गोल्ड ने 1,000 रुपये का गोता लगाया और सोने की कीमतें 70,650 रुपये प्रति 10 के स्तर पर आ गईं।
अगर बजट के बाद पिछले तीन कारोबारी सत्रों की बात करें, तो सोने का भाव 5,000 रुपये प्रति 10 ग्राम या फिर 7.1 फीसदी सस्ता हुआ है। वहीं, इस दौरान चांदी का रेट 7,000 रुपये प्रति किलो या फिर 8.3 फीसदी कम हुआ है। यह बजट से पहले 91,000 रुपये प्रति किलो था और अब 84,000 रुपये प्रति किलो पर कारोबार कर रहा है। जौहरियों का भी कहना है कि सोने की कीमतों में तेज गिरावट से जेवरात की डिमांड दोबारा से बढ़ेगी और इसे सभी वर्ग के उपभोक्ता खरीदेंगे।


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