Coronavirus: Global Airlines उद्योग को साल 2019 के मुकाबले हो सकता है 44% राजस्व का नुकसान: IATA
IATA ने कोरोना वायरस की वजह से वैश्विक एयर ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री को होने वाले नुकसान का आकलन प्रस्तुत किया है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। द इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) ने कोरोना वायरस की वजह से वैश्विक एयर ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री को होने वाले नुकसान का आकलन प्रस्तुत किया है। कोरोना वायरस के चलते इससे पीड़ित कई देशों में लॉकडाउन की स्थिति है। इसके चलते घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें प्रभावित हुई हैं। भारत में भी कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह की उड़ानें बंद कर दी गई हैं। इन यात्रा प्रतिबंधों और वैश्विक मंदी की आशंका के चलते आईएटीए का अनुमान है कि इंडस्ट्री का पैसेंजर रेवन्यू साल 2019 के आंकड़े से 44 फीसद या 252 बिलियन डॉलर कम रह सकता है।
इससे पहले आईएटीए ने पांच मार्च को इंडस्ट्री को 113 बिलियन डॉलर का राजस्व घाटा होने का अनुमान लगाया था। उस समय दुनिया में कई देशों ने कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगाया हुआ था, इससे अंतरराष्ट्रीय एयर ट्रैवल मार्केट पर बड़ा विपरीत प्रभाव पड़ना शुरू हो गया था।
आईएटीए के महानिदेशक और सीईओ Alexandre de Juniac ने कहा, 'एयरलाइन इंडस्ट्री अपने सबसे बुरे दौर का सामना कर रही है। सिर्फ कुछ सप्ताहों में ही हमारा पिछली सबसे बुरी स्थिति मौदूदा अनुमान के सामने अच्छी प्रतीत होने लगी है।' उन्होंने एक स्टेटमेंट में आगे कहा, 'बिना किसी तात्कालिक सरकारी मदद के कोई भी इंडस्ट्री खड़ी नहीं रहेगी। एयरलाइन्स को इससे उबरने के लिए तत्काल 200 बिलियन डॉलर के लिक्विडिटी सपोर्ट की आवश्यक है।' उन्होंने कहा कि कुछ सरकारों ने इसके लिए आगे आना भी शुरू कर दिया है, लेकिन बहुत अधिक को इसका अनुसरण करने की जरूरत है।
इस आकलन के अनुसार, पूरे साल की पैसेंजर डिमांड (रेवेन्यू पैसेंजर किलोमीटर्स या RPKs) साल 2019 के मुकाबले 38 फीसद घट गई है। आईएटीए 290 एयरलाइन्स का प्रतिनिधित्व करती है, जो कि वैश्विक एयर ट्रैफिक का 82 फीसद है।