GJC ने की अनिवार्य हॉलमार्किंग तिथि बढ़ाने की मांग, एक जून से हॉलमार्किंग लागू करने की तैयारी कर रही सरकार
Gold Hallmarking सरकार का यह भी कहना था कि इस बार यह अवधि नहीं बढ़ाई जाएगी। जीजेसी का तर्क है कि भारतीय मानक ब्यूरो (जीजेसी) के आंकड़ों के मुताबिक देश के 733 जिलों में से सिर्फ 245 में ही अभी असेइंग एंड हॉलमार्किंग (एएंडएच) केंद्र उपलब्ध हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) ने सरकार से स्वर्ण आभूषणों के लिए अनिवार्य हॉलमार्किंग शुरू करने की तिथि बढ़ाने का आग्रह किया है। काउंसिल का कहना है कि कोरोना संकट की नई लहर से उद्योग के समक्ष नई चुनौतियां हैं। इसके साथ ही अभी हॉलमार्किंग अनिवार्य करने के लिए देश में पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर भी नहीं है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को लिखे पत्र में काउंसिल ने हॉलमार्किंग की शुरुआत अगले वर्ष जून से करने की मांग की है। पिछले दिनों सरकार ने कहा था कि स्वर्ण आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग इस वर्ष जून से अनिवार्य हो जाएगी।
सरकार का यह भी कहना था कि इस बार यह अवधि नहीं बढ़ाई जाएगी। जीजेसी का तर्क है कि भारतीय मानक ब्यूरो (जीजेसी) के आंकड़ों के मुताबिक देश के 733 जिलों में से सिर्फ 245 में ही अभी असेइंग एंड हॉलमार्किंग (एएंडएच) केंद्र उपलब्ध हैं। जब तब हर जिले में ऐसा एक केंद्र नहीं खुल जाता, तब तक अनिवार्य हॉलमार्किंग को लागू करना उचित नहीं होगा। काउंसिल के मुताबिक सरकार और बीआइएस को पहले मौलिक दिक्कतों का समाधान कर देना चाहिए, उसके बाद ही इसे लागू करना चाहिए।
गौरतलब है कि सोने के गहनों और अन्य कलाकृतियों पर पहली जून से हॉलमार्किंग लागू करने की सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। स्वर्ण आभूषणों व अन्य वस्तुओं की शुद्धता प्रमाणित करने के लिए गोल्ड हॉलमार्किंग की जाती है, जो देश में फिलहाल स्वैच्छिक है।
केंद्र सरकार ने नवंबर, 2019 को घोषणा की थी कि देशभर में गोल्ड हॉलमार्किंग 15 जनवरी, 2021 से वैधानिक कर दी जाएगी। ज्वैलर्स की मांग पर सरकार ने उन्हें सालभर से अधिक का समय दिया था, ताकि वे भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) में खुद को पंजीकृत कराकर इसकी तैयारियां पूरी कर लें। कोविड-19 की हवाला देकर ज्वैलर्स ने इसके लिए और चार महीने का वक्त और मांगा था।
हाल ही में उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने वर्चुअल प्रेसवार्ता में बताया था कि हॉलमार्किंग को लागू करने के लिए अब समय नहीं बढ़ाया जाएगा। बीआइएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने भी बताया था कि पहली जून से इसे लागू करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। तिवारी ने बताया कि पहली जून से ज्वैलर्स केवल 14,18 और 22 कैरट के सोने के जेवर ही बेच सकेंगे।
मानक ब्यूरो खुद सोने के गहनों के लिए अप्रैल, 2000 से हॉलमार्किंग की योजना चला रहा है। बीआइएस के मुताबिक, हॉलमार्किंग हो जाने से सोने के गहनों की खरीदारी में ठगी नहीं हो सकती है। सोने की खपत में भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है। यहां सालाना 700-800 टन सोने का आयात होता है।