Move to Jagran APP

तीसरी तिमाही से ही जीडीपी के सकारात्मक होने की उम्मीद, अन्य देशों के मुकाबले जुलाई-सितंबर में भारतीय जीडीपी में कम गिरावट

पिछले दो माह के दौरान आर्थिक गतिविधियों में आई तेजी को देखते हुए चालू वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही के जीडीपी में सकारात्मक बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही की विकास दर में निश्चित रूप से बढ़ोतरी का दावा किया जा रहा है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 08:17 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 04:52 PM (IST)
तीसरी तिमाही से ही जीडीपी के सकारात्मक होने की उम्मीद, अन्य देशों के मुकाबले जुलाई-सितंबर में भारतीय जीडीपी में कम गिरावट
जुलाई-सितंबर में भारत के जीडीपी में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 7.5 फीसद की गिरावट रही।

नई दिल्ली, राजीव कुमार। पिछले दो माह के दौरान आर्थिक गतिविधियों में आई तेजी को देखते हुए चालू वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही के जीडीपी में सकारात्मक बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है। वहीं, चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही (जनवरी-मार्च) की विकास दर में निश्चित रूप से बढ़ोतरी का दावा किया जा रहा है।एसबीआइ इकोरैप की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जुलाई-सितंबर के आर्थिक विकास में भारत का प्रदर्शन अन्य देशों की तुलना में बेहतर रहा।

loksabha election banner

जुलाई-सितंबर में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 7.5 फीसद की गिरावट रही। वहीं, इस साल जुलाई-सितंबर में विश्व के 48 देशों की आर्थिक विकास दर की औसत गिरावट 12.9 फीसद रही। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत के जीडीपी में 23.9 फीसद की गिरावट दर्ज की गई थी जबकि इस अवधि में 48 देशों के जीडीपी की औसत गिरावट सिर्फ 5.6 फीसद थी। यानी कि भारतीय अर्थव्यवस्था अन्य देशों के मुकाबले तेजी से रिकवर कर रही है।

एसबीआई इकोरैप के मुताबिक वैश्विक स्तर पर भी जुलाई-सितंबर में जीडीपी विकास दर में तरक्की हुई है। इस साल अप्रैल-जून में 27 देशों की अर्थव्यवस्था में 20 फीसद से अधिक की गिरावट हुई थी। वहीं, जुलाई-सितंबर में सिर्फ 3 देशों की विकास दर में 20 फीसद से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान रुख को देखते हुए तीसरी तिमाही में मामूली या अति मामूली सकारात्मक बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन जनवरी-मार्च में भारतीय विकास दर में निश्चित रूप से सकारात्मक बढ़ोतरी होगी। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पूरे वित्त वर्ष के लिए विकास दर निश्चय ही नकारात्मक जोन में रहेगी।

सर्विस सेक्टर भी कोरोना पूर्व स्तर पर पहुंचने के करीब

भारतीय जीडीपी में 50 फीसद से अधिक का योगदान देने वाले सर्विस सेक्टर भी कोरोना पूर्व स्तर पर पहुंचने के करीब है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के जीडीपी में सर्विस सेक्टर 17.19 लाख करोड़ का रहा। गत वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही के जीडीपी में सर्विस सेक्टर का योगदान 17.35 लाख करोड़ का था। यानी कि पिछले साल की तीसरी तिमाही के मुकाबले सर्विस सेक्टर सिर्फ 16 हजार करोड़ पीछे हैं।

जीडीपी आंकड़ों के मुताबिक पहले के मुकाबले सर्विस सेक्टर की हालत बेहतर हो रही है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सर्विस सेक्टर में 20.6 फीसद की गिरावट हुई थी। दूसरी तिमाही में यह गिरावट कम होकर 11.4 फीसद रह गई। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में होटल, ट्रांसपोर्ट, टूरिज्म, संचार जैसे सर्विस सेक्टर में 47 फीसद की गिरावट हुई थी। दूसरी तिमाही में यह गिरावट 15.6 फीसद रह गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.