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विश्व बैंक ने GDP अनुमान में किया सुधार, FY22-23 में सबसे तेज रहेगी भारत की विकास दर

Indias GDP विश्व बैंक ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था फिलहाल स्थिर है लेकिन इसके सामने कई चुनौतियां है। अगर भारत इनसे निपटने में असफल रहा तो आने वाले दिनों में विकास दर और भी धीमी हो सकती है।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Published: Tue, 06 Dec 2022 12:20 PM (IST)Updated: Tue, 06 Dec 2022 12:20 PM (IST)
विश्व बैंक ने GDP अनुमान में किया सुधार, FY22-23 में सबसे तेज रहेगी भारत की विकास दर
GDP growth is expected to decline in FY 22-23 amid a deteriorating external environment, Says World Bank

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 23 के लिए भारत के विकास घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के पूर्वानुमान को 6.5% से 6.9% तक बढ़ा दिया है। विश्व बैंक ने कहा कि वैश्विक हेडविंड से निपटने के लिए भारत अच्छी तरह से तैयार है। बैंक ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए अपने अनुमान को 7% से घटाकर 6.6% कर दिया।

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बैंक ने कहा है कि वित्त वर्ष 2023 में मुद्रास्फीति 7.1% रहने की उम्मीद है। विश्व बैंक ने कहा कि कमोडिटी की कीमतों में गिरावट मुद्रास्फीति के दबाव को कम कर सकती है। इसने आगे कहा कि भारत सरकार 6.4% के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को संभाल रही है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत अमेरिका, यूरो क्षेत्र और चीन के हालात से प्रभावित है।

मुद्रास्फीति के बढ़ने का खतरा

बिगड़ते वैश्विक हालात के बीच वित्त वर्ष 22-23 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की रफ्तार कम हो सकती है। FY22-23 में GDP विकास दर 6.9% रहने की उम्मीद है। विश्व बैंक ने भारत पर केंद्रित अपनी ग्रोथ आउटलुक रिपोर्ट में यह दावा किया है।

अपनी नवीनतम रिपोर्ट में विश्व बैंक ने कहा है कि आने वाले दिनों में भारतीय अर्थव्यवस्था को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि ये परिस्थितियां वैश्विक हैं लेकिन इनका असर भारत पर भी पड़ेगा। सप्लाई चेन का संकट और यूक्रेन युद्ध से उपजे हालात का स्थानीय अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर देखने को नहीं मिला है, लेकिन इससे बैलेन्स ऑफ ट्रेड बिगड़ रहा है और आयात बिल बढ़ने से मुद्रास्फीति के बढ़ने का भी खतरा मंडरा रहा है।

सबसे तेज रहेगी भारत की विकास दर

विश्व बैंक ने कहा है कि वर्ष 21-22 में 8.7% की तुलना में वित्त वर्ष 22-23 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि घटकर 6.9% रहने की उम्मीद है। लेकिन इसके बाद भी भारत के सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने का अनुमान है। विश्व बैंक ने इंडिया ग्रोथ आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में मंदी  भारत को एक आकर्षक वैकल्पिक निवेश गंतव्य के रूप में पेश कर सकती है।

दूसरी तिमाही में 6.3 प्रतिशत हुई विकास दर

वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि पिछली तिमाही में 13.5 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले धीमी होकर 6.3 प्रतिशत हो गई। विश्व बैंक ने पहले भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।

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