GDP Grwoth: अर्थव्यवस्था में स्थिरता बेहतर संकेत : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
GDP in Q3 वित्त मंत्रालय के मुताबिक शुक्रवार को जारी GDP आंकड़ों को समग्र रूप में देखने पर पता चलता है कि अब देश विकास दर के मामले में ऊपर की ओर जा रहा है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की तीसरी तिमाही की विकास दर पर कहा है कि अर्थव्यवस्था में स्थिरता बेहतर संकेत है। उनका कहना है कि वह विकास दर में उछाल की उम्मीद नहीं कर रही थीं। वहीं वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव अतानु चक्रवर्ती ने कहा कि विकास दर गिरावट के दौर से बाहर आ चुकी है। शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान जीडीपी में 4.7 फीसद दर की बढ़ोतरी रही। यह वृद्धि दर सात साल के निचले स्तर पर है।
मैन्यूफैक्चरिंग की स्थिति बेहतर रहने का अनुमान
चक्रवर्ती ने कहा कि कृषि, खनन और कोर सेक्टर क्षेत्रों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। मैन्यूफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआइ) और एफडीआइ के साथ सर्विस सेक्टर मजबूत स्थिति में है। कोर सेक्टर में दिसंबर और जनवरी में बेहतर प्रदर्शन से जनवरी-मार्च में मैन्यूफैक्चरिंग की स्थिति बेहतर रह सकती है।
कोर सेक्टर में बेहतर हुए हालात
वित्त मंत्रालय के मुताबिक शुक्रवार को जारी GDP आंकड़ों को समग्र रूप में देखने पर पता चलता है कि अब देश विकास दर के मामले में ऊपर की ओर जा रहा है, क्योंकि कृषि, खनन और सेवा समेत आठ कोर इंडस्ट्री क्षेत्र में बढ़ोतरी का रुख है। पूंजी सृजन की मजबूत स्थिति है। कोर सेक्टर में सिर्फ क्रूड और गैस निगेटिव में हैं। आठ कोर सेक्टर में कोयला, बिजली, सीमेंट, स्टील, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी एवं खाद शामिल है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक वैश्विक कारोबार प्रभावित होने की वजह से निर्यात में गिरावट हुई है।
वित्त मंत्री खुद कर रहीं लोन वितरण की निगरानी
अमेरिका चीन के बीच टैरिफ युद्ध की वजह से भारतीय कारोबार पर प्रभाव पड़ा है। वित्त मंत्रालय का मानना है कि सरकार की तरफ से खर्च में बढ़ोतरी करने से कृषि क्षेत्र में लांग टर्म में काफी सकारात्मक बदलाव होने जा रहा है, जिसका असर पूर्ण अर्थव्यवस्था पर देखने को मिलेगा। मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए सरकार बैंकिंग सेक्टर को अधिक से अधिक कर्ज देने के लिए कह रही है। छोटे उद्यमियों को मिलने वाले लोन की निगरानी स्वयं वित्त मंत्री कर रही हैं।