नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार ने बुधवार को राजकोषीय घाटे को लेकर आंकड़े जारी किए। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों यानी जुलाई के अंत तक वार्षिक लक्ष्य के 20.5 प्रतिशत पर पहुंच गया। पिछले साल समान अवधि में यह 21.3 फीसद था। यानी मौजूदा आंकड़े सुधार को प्रदर्शित करते हैं। बता दें कि व्यय और राजस्व के बीच का अंतर को राजकोषीय घाटा के रूप में जाना जाता है।
सरकार के आंकड़े बतलाते हैं कि इस वित्तीय वर्ष के अप्रैल-जुलाई की अवधि के दौरान यह अंतर 3,40,831 करोड़ रुपये था। राजकोषीय घाटा बाजार से सरकारी उधारी को भी दर्शाता है। लेखा महानियंत्रक (Controller General of Accounts, CGA) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार टैक्स को जोड़कर सरकार की प्राप्तियां 2022-23 के लिए बजट अनुमान (Budget Estimates, BE) का 7.85 लाख करोड़ रुपये यानी 34.4 फीसद थी। पिछले साल के आंकड़ों से तुलना करें तो एक साल पहले की समान अवधि के दौरान यह लगभग 34.6 फीसद दर्ज किया गया।
यदि टैक्स रेवेन्यू की बात करें तो यह 6.66 लाख करोड़ रुपये यानी चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 34.4 प्रतिशत दर्ज किया गया। पिछले साल अप्रैल जुलाई की अवधि के दौरान के आंकडे़ पर गौर करें तो पाते हैं कि सरकार ने टैक्स रेवेन्यू में अपने वार्षिक अनुमान का 34.2 फीसद हासिल किया था। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार का कुल खर्च 11.26 लाख करोड़ रुपये रहा है जो बजट अनुमान का 28.6 फीसद है। यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के बराबर है।
यदि कैपिटल एक्सपेंडेचर यानी पूंजीगत व्यय की बात करें तो यह सालाना बजट लक्ष्य का 27.8 फीसद रहा है। पिछले वित्त वर्ष के आंकड़ों के लिहाज से देखें तो इसी अवधि के दौरान यह 23.2 फीसद था। सरकार की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़े बतलाते हैं कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सरकार का राजकोषीय घाटे का अनुमान 16.61 लाख रुपये है यानी यह सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी का 6.4 फीसद है।