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GDP के 7 फीसद से कम रहने का अनुमान, CSO आज जारी करेगा आंकड़े

घोष ने कहा कि अगर बीते साल के बेस इयर को अपरिवर्तित रखा जाता है तो जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसद रह सकती है

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 05 Jan 2018 12:13 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jan 2018 12:59 PM (IST)
GDP के 7 फीसद से कम रहने का अनुमान, CSO आज जारी करेगा आंकड़े
GDP के 7 फीसद से कम रहने का अनुमान, CSO आज जारी करेगा आंकड़े

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। चालू वित्त वर्ष (2017-18) में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7 फीसद से नीचे रह सकती है। विशेषज्ञों ने जीएसटी कार्यान्वयन और नोटबंदी का हवाला देते हुए यह बात कही है। वित्त वर्ष 2016-17 में भारत की जीडीपी 7.1 फीसद की दर से और वित्त वर्ष 2015-16 में 8 फीसद की दर से आगे बढ़ रही थी। गौरतलब है कि केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से आज (शुक्रवार) राष्ट्रीय आय (2017-18 के लिए) के अग्रिम अनुमान जारी किए जाने हैं।

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केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) आज शाम साढ़े पांच बजे वित्त वर्ष 2017-18 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अग्रिम अनुमानित आंकड़े जारी करेगा। ये अनुमान इस समय काफी अहमियत रखते हैं क्योंकि सरकार इस समय अगले वित्त वर्ष (2018-19) के लिए बजट पेश करने की तैयारी कर रही है।

जीडीपी का अब तक का प्रदर्शन: जीडीपी में पिछली तिमाही के आंकड़ों में सुधार देखने को मिला था जिसने बीती पांच तिमाहियों से जारी गिरावट के सिलसिले को थामने का काम किया। आप खुद देखिए आंकड़े...

क्या कहते हैं विशेषज्ञ: एसबीआई रिसर्च के चीफ इकोनॉमिस्ट सौम्यकांति घोष ने बताया, “चालू वित्त वर्ष में जीडीपी के 7 फीसद के स्तर को पार करना मुश्किल नजर आ रहा है, जब तक कि बेस को नीचे की ओर रिवाइज नहीं किया जाता है। हालांकि अर्थव्यवस्था के तीसरी और चौथी तिमाही में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।”

घोष ने कहा कि अगर बीते साल के बेस इयर को अपरिवर्तित रखा जाता है तो जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसद रह सकती है। आगे बोलते हुए घोष ने कहा कि अगर पिछले साल के विस्तार को नीचे से संशोधित किया गया तो वृद्धि दर बढ़ सकती है, क्योंकि वित्त वर्ष 2017-18 के लिए बेस रेट कम रहने से ज्यादा ग्रोथ की उम्मीद की जा सकती है।

राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को 3.2 फीसद रख सकती है सरकार: डीबीएस

वित्त वर्ष 2017-18 में जीडीपी के 3.2 फीसद तक के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से चूकने के बाद सरकार अब वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में इसके बड़े दायरे का चुनाव कर सकती है। यह अनुमान डीबीएस ने लगाया है।

राजकोषीय घाटे के नंबर 3.5 फीसद के आस-पास के आ सकते हैं जबकि केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए इसको जीडीपी के 3.2 फीसद तक लाने का लक्ष्य रखा था। ऐसे में सरकार अपने राजकोषीय समेकन रोडमैप के तहत अगले वित्त वर्ष के लिए इसको जीडीपी के 3 फीसद तक रखने के बजाए 3.2 से 3.3 फीसद के आस-पास रख सकती है।

सिंगापुर के बैंक डीबीएस के एक नोट में कहा गया, “वित्त वर्ष 2018 के लिए राजकोषीय घाटे का अनुमान जीडीपी के 3.5 फीसद तक (वित्त वर्ष 2017 की ही तरह) आंका जा सकता है। यह वित्त वर्ष 2019 के लिए गुंजाइश पैदा करेगा कि इसे जीडीपी के 3.2 से 3.3 फीसद तक लाया जा सके, बजाए 3 फीसद के।”


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