विकास दर 7.1 प्रतिशत, प्रति व्यक्ति आय एक लाख के पार जाने का अनुमान
वित्त वर्ष 2017 में जीडीपी ग्रोथ 7.1 फीसदी रहने का अनुमान है। इससे पहले वित्त वर्ष 2017 में जीडीपी ग्रोथ 7.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था।
नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2017 में जीडीपी ग्रोथ 7.1 फीसदी रहने का अनुमान है। इससे पहले वित्त वर्ष 2017 में जीडीपी ग्रोथ 7.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था। सरकार ने वित्त वर्ष 2017 में जीडीपी ग्रोथ के अनुमान के आंकड़े शुक्रवार को जारी कर दिए हैं।
सीएसओ की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक साल 2011-12 के आधार वर्ष पर मौजूदा मूल्य के हिसाब से जीडीपी का स्तर 121.55 लाख करोड़ का है। जबकि आधार वर्ष 2015-16 पर जीडीपी का प्रोविजनस एस्टीमेट 113.50 लाख करोड़ का है।
जीडीपी ग्रोथ में सुस्ती की वजह
जीडीपी ग्रोथ का अनुमान कारोबारी साल के पहले 7 महीने के औद्योगिक उत्पादन के आधार पर लगाया गया है, यानि नोटबंदी के असर को इसमें शामिल नहीं किया गया है। एस्टीमेट के मुताबिक जीडीपी ग्रोथ में सुस्ती की वजह मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में कमजोरी रही। हालांकि इस एस्टीमेट को तैयार करते समय नोटबंदी के बाद बदले हालात को अलग रखा गया है। इस संबंध में इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी शक्तिकांत दास ने जीडीपी ग्रोथ पर ग्लोबल इकोनॉमिक स्लोडाउन का असर पड़ने की बात कही। गौरतलब है कि नोटबंदी का फैसला बीते 8 नवंबर को लिया गया था।
जीवीए ग्रोथ का अनुमान भी घटा:
साथ ही वित्त वर्ष 2017 में जीवीए ग्रोथ का अनुमान भी घटाकर 7 फीसदी कर दिया गया है। पहले वित्त वर्ष 2017 में जीवीए ग्रोथ का अनुमान 7.2 फीसदी था। जीडीपी ग्रोथ का अनुमान कारोबारी साल के पहले 7 महीने के औद्योगिक उत्पादन के आधार पर लगाया गया है। गौर करने वाली बात यह है कि इसमे नोटबंदी के असर को शामिल नहीं किया गया है।
प्रति व्यक्ति आय:
आज जारी हुुए आंकड़ों के मुताबिक इस वित्त वर्ष प्रति व्यक्ति आय का अनुमान भी कम हुआ है। वित्त वर्ष 2017 में प्रति व्यक्ति आय में 5.6 फीसदी की ग्रोथ का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में प्रति व्यक्ति आय की ग्रोथ 6.2 फीसदी रही थी।
कृषि:
कृषि की स्थिति बेहतर होने के आसार हैं। सरकार की ओर से जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक कृषि के हालात बीते साल के मुकाबले बेहतर रह सकते हैं। आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2017 में कृषि सेक्टर की ग्रोथ 4.1 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में कृषि सेक्टर की ग्रोथ 1.2 फीसदी रही थी।
माइनिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर के हालात:
आंकड़ों के मुताबिक देश के माइनिंग सेक्टर में तेज वृद्धि देखने को मिली है। वित्त वर्ष 2017 में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ -1.8 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 7.4 फीसदी रही थी। हालांकि इस सुस्ती में नोटबंदी के असर को शामिल नहीं किया गया है। वहीं आंकड़े कंस्ट्रक्शन सेक्टर में कमजोरी के संकेत दे रहे हैं। इस वित्त वर्ष 2017 में कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ 2.9 फीसदी रहने का अनुमान है। जबकि बीते वित्त वर्ष 2016 में कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ 3.9 फीसदी रही थी।
मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेस सेक्टर:
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी सुस्ती के संकेत दिख रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2017 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 7.4 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि बीते वित्त वर्ष 2016 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 9.3 फीसदी रही थी। वहीं वित्त वर्ष 2017 में सर्विसेस सेक्टर की ग्रोथ 8.8 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में सर्विसेस सेक्टर की ग्रोथ 8.9 फीसदी रही थी।