Future, Amazon के बीच चिट्ठियों के जरिए जारी है लड़ाई, FRL-Reliance डील को लेकर दोनों ने सेबी को लिखा पत्र
Future-RIL Deal भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) को फ्यूचर ग्रुप की कंपनियों के आरआईएल के रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड और रिलायंस रिटेल फैशन लाइफस्टाइल लिमिटेड में विलय की योजना की समीक्षा के बाद एनओसी जारी करना है।
नई दिल्ली, पीटीआई। अमेजन (Amazon) और फ्यूचर ग्रुप (Future Group) के बीच तकरार थमने का नाम नहीं ले रही है। अब यह तकरार चिट्ठियों के जरिए जारी है। अमेजन और फ्यूचर ग्रुप दोनों ने बाजार नियामक सेबी को अलग-अलग पत्र लिखकर 24,713 करोड़ रुपये की डील को लेकर अपनी-अपनी बात रखी है। फ्यूचर ग्रुप ने सेबी को पत्र लिखकर प्रस्तावित डील की समीक्षा के काम को जल्द-से-जल्द पूरा करने और नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी करने का आग्रह किया है। वहीं, अमेजन ने उक्त लेनदेन की समीक्षा रोकने का आग्रह किया है।
फ्यूचर ग्रुप ने इस साल अगस्त में अपने रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक और वेयरहाउस बिजनेस को 24,713 करोड़ रुपये में आरआईएल को बेचने के लिए एक डील की घोषणा की थी। इसके बाद अमेजन ने इस डील को लेकर सिंगापुर की अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थतता अदालत का दरवाजा खटखटाया है। इसके बाद फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। हाई कोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप-रिलायंस रिटेल डील के खिलाफ वैधानिक प्राधिकार में बात रखने के अमेजन के अधिकार को कायम रखा है।
हालांकि, कोर्ट ने अपनी सुनवाई के दौरान इस बात का संकेत दिया कि भारत की एक गैर-सूचीबद्ध कंपनी के साथ कुछ करार के जरिए FRL को नियंत्रण करने की अमेजन की कोशिश से फेमा के एफडीआई नियमों का उल्लंघन हो सकता है।
इसके अलावा कोर्ट ने विनियामकों को नियमों के अनुसार डील को लेकर आगे का निर्णय लेने की छूट भी दे दी।
FRL ने 23 दिसंबर की तारीख के अपने पत्र में सेबी से नॉन-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट को लेकर जल्द-से-जल्द फैसला करने का आग्रह किया है। कंपनी को रिटेल और अन्य बिजनेसेड की बिक्री के लिए एनओसी की दरकार है। FRL का कहना है कि इसमें किसी तरह की देरी से कंपनी, स्टेकहोल्डर्स और निवेशकों के हितों को नुकसान पहुंचेगा।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) को फ्यूचर ग्रुप की कंपनियों के आरआईएल के रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड और रिलायंस रिटेल फैशन लाइफस्टाइल लिमिटेड में विलय की योजना की समीक्षा के बाद एनओसी जारी करना है।
दूसरी ओर अमेजन ने 21 दिसंबर को सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी को लिखे पत्र में कहा है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने अमेजन के खिलाफ ऑर्डर देने की एफआरएल के आग्रह को खारिज कर दिया है और कोर्ट ने कहा है कि SIAC का अंतरिम आदेश भारतीय कानून के तहत वैध है। इसके आधार पर अमेजन ने सेबी से इस प्रस्तावित डील को लेकर मंजूरी नहीं देने का आग्रह किया है।