देश में ईंधन की मांग कोरोना वायरस के पहले के स्तर के 80-85 फीसद पर पहुंची
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि देश में पेट्रालियम ईंधन की मांग कोरोना वायरस महामारी के पहले के स्तर के 80 से 85 फीसद पर पहुंच गयी है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि देश में पेट्रालियम ईंधन की मांग कोरोना वायरस महामारी के पहले के स्तर के 80 से 85 फीसद पर पहुंच गयी है। वहीं उद्योग ने कहा कि लेकिन ईंधन मांग में 5 फीसद वृद्धि आने में दो साल लग सकता है। कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए 'लॉकडाउन' से दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्कता देश में ईंधन बिक्री 2007 के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गयी।
'लॉकडाउन' के दौरान मांग 70 फीसद लुढ़क गयी लेकिन मई की शुरूआत से 'लॉकडाउन' में ढील देने के साथ इसमें सुधार हुआ है। प्रधान ने एक वेबिनार में कहा, 'जून 2019 से तुलना करने पर पेट्रोलियम उत्पादों की मांग इस साल जून के पहले पखवाड़े में कोरोना वायरस महामारी से पहले के स्तर के 80 से 85 प्रतिश्त के स्तर पर पहुंच गयी है।'
कार्यक्रम में शामिल इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि ईंधन के मामले में 4-5 फीसद वृद्धि के रास्ते पर लौटने में 2 साल का समय लगेगा। वित्त वर्ष 2019-20 में धीमी आर्थिक गतिविधियों कारण ईंधन की बिक्री हल्की हुई थी। उससे पहले मांग में 4 से 5 फीसद की वृद्धि हो रही थी।
मई में ईंधन खपत 1.465 करोड़ टन रही जो अप्रैल के मुकाबले 47.4 प्रतिश्त अधिक है। लेकिन एक साल पहले की तुलना में 23.3 प्रतिश्त कम है। सर्वाधिक खपत वाला ईंधन डीजल की मांग मई में करीब 29.4 फीसद कम हुई जबकि पेट्रोल की बिक्री 35.3 फीसद घटी है। उद्योग के आंकड़े के अनुसार 1 जून से 15 जून के दौरान डीजल मांग में सुधार आया और यह 26.7 लाख टन रहा जो एक साल पहले इसी अवधि के मुकाबले 15 फीसद कम है। वहीं पेट्रोल की बिक्री इसी अवधि 9,30,000 टन रही जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 18 प्रतिश्त कम है।
एयरलाइनों की उड़ानें रद्द होने से एटीएफ (विमन ईंधन) की बिक्री शून्य पर आ गयी थी। यह जून के पहले पखवाड़े में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 73 फीसद कम रही।