FSSAI ने लगाई रोक, कम शेल्फ लाइफ वाले फूड आइटम का आयात नहीं
FSSAI ने फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड (इंपोर्ट) रेगुलेशन 2017 को अधिसूचित किया है
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। फूड आइटम जिनकी शेल्फ लाइफ 60 फीसद से कम बची है, वे भारतीय बाजार में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। खाद्य नियामक एफएसएसएआइ ने इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं। शेल्फ लाइफ मैन्यूफैक्चरिंग की तारीख और ‘बेस्ट बिफोर’ या ‘डेट ऑफ एक्सपायरी’ (जो भी पहले हो) के बीच की अवधि है। मसलन कोई फूड आइटम आयात किया जाता है और इसकी डेट ऑफ मैन्यूफैक्चरिंग व डेट ऑफ एक्सपायरी के बीच 100 दिन का अंतर (शेल्फ लाइफ) है। ऐसी स्थिति में भारत में उत्पाद के आने की तिथि से उसके एक्सपायर होने में कम से कम 60 दिन बचे होने चाहिए।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण यानी एफएसएसएआइ ने इस संबंध में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड (इंपोर्ट) रेगुलेशन 2017 को अधिसूचित किया है। इसके तहत आयातकों के लिए नियामक से लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है। एफएसएसएआइ के सीईओ पवन कुमार अग्रवाल ने कहा कि उन्हें खुशी है कि नियामक ने खाद्य उत्पादों के आयात के लिए नियमों को अंतिम रूप दिया है। इससे देश में खाद्य आयात के संबंध में सभी अनिश्चितताएं समाप्त हो जाएंगी। नए दिशानिर्देशों में एफएसएसएआइ ने कहा है कि सीमा शुल्क अधिकारी ऐसे किसी खाद्य उत्पाद को मंजूरी नहीं देंगे जिसकी आयात के समय शेल्फ लाइफ 60 फीसद से कम हो। इसमें यह भी कहा गया है कि केंद्रीय लाइसेंसिंग प्राधिकार से आयात लाइसेंस के बिना किसी भी खाद्य उत्पाद का आयात नहीं किया जा सकेगा। नियामक ने कहा है कि वह कारगर और पारदर्शी तरीके से आयातित खाद्य वस्तुओं की क्लीयरेंस की प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के मकसद से नए नियम लाया है।