आधार से लेकर PAN कार्ड तक, अपने सभी जरूरी डॉक्यूमेंट डिजिलॉकर में ऐसे करें सेव
DigiLocker में यूजर्स कई सारे ऑफिशियल डॉक्यूमेंट्स जैसे कि आधार कार्ड, पैन, डाइविंग लाइसेंस आदि स्टोर करके रख सकते हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। डिजिलॉकर क्लाउड आधारित प्लेटफॉर्म है। इसका इस्तेमाल इश्यू करने, स्टोरेज, शेयरिंग और दस्तावेजों व सर्टिफिकेट्स की वेरिफिकेशन के लिए किया जाता है। यह जानकारी डिजिलॉकर डॉट जीओवी डॉट इन की वेबसाइट के अनुसार सामने आई है। यूजर्स इसमें कई सारे ऑफिशियल डॉक्यूमेंट्स जैसे कि आधार कार्ड, पैन, डाइविंग लाइसेंस आदि स्टोर करके रख सकते हैं। इस संबंध में डिजिटल इंडिया ने ट्विटर पर डिजिलॉकर के कई लाभ के बारे में ट्वीट भी किया है।
क्या लिखा है ट्वीट में: ट्वीट में बताया गया है कि डिजीलॉकर आपके दस्तावेजों को बिना किसी शुल्क के सुरक्षित रखता है और साथ ही यह एडमिनिस्ट्रेटिव कॉस्ट को भी घटाता है।
किन दस्तावेजों को रख सकते हैं डिजिलॉकर में: डिजिलॉकर ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के साथ साझेदारी की हुई है। डिजिलॉकर की वेवसाइट के अनुसार यह साझेदारी इसलिए की हुई है ताकि डिजिटल ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) और व्हीकल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट्स (आरसी) को नागरिकों को उपलब्ध कराया जा सके। इस साझेदारी के तहत डिजिलॉकर नेशनल रजिस्ट्रर से प्रत्यक्ष रूप से इंटिग्रेट करता है। नेशनल रजिस्ट्रार देशभर के ड्राइविंग लाइसेंस और व्हीकल रजिस्ट्रेशन का नेशनल डेटाबेस है। डिजिलॉकर के यूजर्स आसानी से अपने डिजिटल आरसी और डीएल दोनों को कंप्यूटर और मोबाइल डिवाइसेस पर एक्सेस कर सकते हैं।
डिजिलॉकर ने यूआईडीएआई (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) के साथ भी साझेदारी की हुई है ताकि देश के नागरिक अपने डिजिटल आधार नंबर को एक्सेस कर सकें। डिजिलॉकर में डिजिटल आधार ठीक उसी तरह है जैसा यूआईडीएआई ई आधार जारी करता है। डिजिलॉकर की वेबसाइट के अनुसार यूआईडीएआई डिजिलॉकर में डिजिटल आधार भी जारी करता है।
आपको बता दें डिजिलॉकर ने सीबीएसई के साथ भी पार्टनरशिप की है ताकि छात्रों को इनकी मार्कशीट का डिजिटल वर्जन भी उपलब्ध कराया जा सके। डिजिलॉकर ने अपने ट्वीट में बताया है कि वर्ष 2004-17 तक की 10वीं और 12वीं कक्षा के 5.27 करोड़ सीबीएसई डिजिटल मार्कशीट्स और सर्टिफिकेट्स डिजिलॉकर पर उपलब्ध है। डिजिलॉकर सभी सीबीएसई के छात्रों को उनकी डिजिटल मार्कशीट उपलब्ध कराता है।
वहीं, सब्सक्राइबर्स अपने पर्मानेंट एकाउंट नंबर (पैन) को भी डिजिवलॉकर से इंटिग्रेट कर सकते हैं। यूजर्स अब आयकर विभाग से अपना पैन वैरिफिकेशन रिकॉर्ड एक्सेस कर सकते हैं।