Franklin Templeton MF: कंपनी धीरे-धीरे वापस कर सकती है निवेशकों का पैसा, नहीं होगा बड़ा नुकसान!
Franklin Templeton अपने निवेशकों का पैसा धीरे-धीरे वापस कर सकती है। धीरेंद्र कुमार के अनुसार पोर्टफोलियों में जितनी भी कंपनियां हैं वे पैसा देने की स्थिति में आ सकती हैं।
नई दिल्ली, पवन जायसवाल। यूएस बेस्ड म्युचुअल फंड हाउस फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने गुरुवार रात अपने ग्राहकों को एक बुरी खबर दी। फ्रैंकलिन टेम्पलटन इंडिया ने कहा कि वह अपने छह डेट फंड्स को बंद कर रही है। अर्थात अब इन फंड्स में से निवेशक पैसे नहीं निकाल पाएंगे। इस तरह निवेशकों के करीब 28 हजार करोड़ रुपये इन छह डेट फंड्स में फंस गए। कंपनी ने फंड्स को बंद करने के पीछे कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन के चलते नकदी की कमी का हवाला दिया। आइए जानते हैं कि कंपनी के इस फैसले से अब निवेशकों पर क्या असर पड़ेगा।
कंपनी के इस फैसले के बाद अब इन छह डेट फंड्स में कोई ताजा खरीद नहीं कर पाएंगे। वहीं, मौजूदा निवेशकों का पैसा इन फंड्स में लॉक रहेगा। उच्च नेटवर्थ वाले व्यक्ति, कॉरपोरेट निवेशक और खुदरा निवेशक भी बैंक डिपॉजिट की तुलना में उच्च रिटर्न मिलने के कारण इन फंडों में निवेश करते हैं। अब वे भी इस कोविड-19 के संकट वाले समय में जरूरत पड़ने पर इन फंड्स से पैसा नहीं निकाल सकेंगे।
यहां बता दें कि कंपनी ने फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन इनकम ऑपरच्यूनिटी फंड, फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन क्रेटिड रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन शॉर्ट बॉन्ड फंड और फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन डायनामिक एक्यूरियल फंड को बंद किया है। मार्केट पार्टिसिपेंट्स को चिंता है कि मौजूदा परिस्थिति दूसरी डेट स्कीम्स को भी प्रभावित कर सकती है। फंड मैनेजर्स और विश्लेषकों का कहना है कि फ्रैंकलिन टेम्पलटन का यह निर्णय देश के म्युचुअल फंड उद्योग पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा। वहीं, कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि सरकार और आरबीआई द्वारा घोषित राहत उपाय महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई में कम पड़ रहे हैं।
धीरे-धीरे मिलेगा निवेशकों को पैसा
वैल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार के अनुसार, निवेशकों का पैसा कंपनी धीरे-धीरे वापस कर सकती है। उन्होंने कहा कि पोर्टफोलियों में जितनी भी कंपनियां हैं, वे पैसा देने की स्थिति में आ सकती हैं। इसलिए जैसे-जैसे बॉन्ड मैच्योर होगा और जो भी पैसा मिलेगा, उसे कंपनी निवेशकों को देती जाएगी। उन्होंने बताया कि हर एक बॉन्ड की अलग-अलग मैच्योरिटी होती है। कुमार ने उम्मीद जताई की हर 15-20 दिन में कंपनी निवेशकों को पैसा लौटाती जाएगी। उन्होंने कहा कि जो पैसा डूबेगा नहीं, वह धीरे-धीरे निवेशकों को मिल जाएगा। कुमार ने यह भी कहा कि मौजूदा आर्थिक सकट के समय में अन्य म्युचुअल फंड कंपनियों के सामने भी इस तरह की समस्याएं आ सकती हैं। उन्होंने निवेशकों को अभी डेट फंड में अपना पैसा नहीं लगाने की सलाह दी है।