दुनियाभर की इकोनॉमी को मंदी की और जाते देख FPI ने मार्च में की रिकॉर्ड निकासी
कोरोना वायरस संकट के चलते दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर जाते देख विदेशी निवेशक भारतीय पूंजी बाजारों से कन्नी काटने लगे हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना वायरस संकट के चलते दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर जाते देख विदेशी निवेशक भारतीय पूंजी बाजारों से कन्नी काटने लगे हैं। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) ने मार्च में अब तक भारतीय पूंजी बाजारों से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रकम की निकासी कर ली है, जो अब तक का सर्वोच्च है। इससे पहले लगातार छह महीनों तक एफपीआइ भारतीय पूंजी बाजारों में शुद्ध खरीदार बने हुए थे।
जानकारों का कहना है कि कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध् या लॉकडाउन सिर्फ भारत नहीं, बल्कि दुनियाभर में कारगर उपाय के रूप में आजमाया जा रहा है। इसने विदेशी निवेशकों को सतर्क रुख अपनाने पर मजबूर किया है।
डिपोजिटरी आंकड़ों के मुताबिक 2-27 मार्च की अवधि में एफपीआइ ने इक्विटी से 59,377 करोड़ रुपये और डेट सेग्मेंट से 52,811 करोड़ रुपये की राशि निकाल ली। इस दौरान कुल शुद्ध आउटफ्लो 1,12,188 करोड़ रुपये रहा।
नेशनल सिक्युरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड ने जब से एफपीआइ आउटफ्लो आंकड़े मुहैया कराने शुरू किए हैं, तब से किसी एक महीने में एफपीआइ द्वारा यह रिकॉर्ड निकासी है।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के सीनियर एनालिस्ट - मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव का कहना था कि सरकार द्वारा लॉकडाउन की घोषणा के बाद आर्थिक गतिविध्यिां ठप हो गई हैं। इससे घरेलू इकोनॉमी की विकास दर में बड़ी गिरावट की आशंका जताई जाने लगी है। कोरोना के खिलाफ दुनिया की जंग पिछले कुछ दिनों में तेज हुई है। लेकिन प्रकोप में कमी आने के संकेत अभी बाकी हैं।