SEBI पहुंची फोर्टिस, कहा - मलविंदर और शिविंदर सिंह को गिरफ्तार कर वसूले 472 करोड़ रुपये
सेबी ने अक्टूबर 2018 में सिंह बंधुओं को यह रकम तीन महीने के भीतर ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया था।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। फोर्टिस हेल्थकेयर ने बाजार नियामक संस्था सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) से कंपनी के पूर्व प्रोमोटर्स सिंह बंधुओं को गिरफ्तार कर, उनसे और उनसे जुड़ी कंपनियों से 472 करोड़ रुपये का बकाया वसूलने के लिए कहा है।
सेबी को दिए गए आवेदन में फोर्टिस हेल्थकेयर और फोर्टिस हॉस्पिटल्स ने सेबी एक्ट की धारा 28 ए का इस्तेमाल कर मलविंदर मोहन सिंह, शिविंदर मोहन सिंह, आरएचसी होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड, शिवि होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड, मालव होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड, रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड, बेस्ट हेल्थकेयर लिमिटेड, फर्न हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड और मूडलैंड वियर्स प्राइवेट लिमिटेड से बकाया रकम वसूलने के लिए कहा है।
फोर्टिस हेल्थकेयर ने इस मामले में सेबी से निजी सुनवाई की भी अपील की है।
मामले पर टिप्पणी करते हुए फोर्टिस हेल्थकेयर के चेयरमैन रवि राजगोपाल ने कहा, 'अक्टूबर 2018 में सेबी का आदेश आने के बाद दिसंबर 2018 में सेबी का संशोधित आदेश आया। हमने आदेश के मुताबिक कानूनी कार्रवाई करते हुए रकम को वसूलने की प्रक्रिया शुरू की। सभी 9 पक्षों को एफएचएल की तरफ से नोटिस भेजा गया।'।
वहीं न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग ने फोर्टिस के प्रवक्ता अजेय महाराज के हवाले से बताया है कि कंपनी ने इससे पहले सेबी से गुजारिश की थी कि वह कानूनी अधिकार का इस्तेमाल कर मालविंदर और शिविंदर सिंह से रकम दिलवाए।
सेबी ने अक्टूबर 2018 में सिंह बंधुओं को यह रकम तीन महीने के भीतर ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया था।
शिविंदर सिंह ने इस मामले में फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं दी है। वहीं मलविंदर सिंह और सेबी के प्रवक्ता से इस मामले में संपर्क नहीं हो सका है।
खबर में कहा गया है कि सेबी को दी गई मौजूदा याचिका दोनों भाइयों की मुश्किलों में इजाफा कर सकता है। गिरवी रखे गए फोर्टिस के शेयर का अधिकांश हिस्सा कर्जदाता जब्त कर चुके हैं और फोर्टिस की कमान अब आईएचएच हेल्थकेयर बीएचडी के पास है। वहीं एक अन्य धोखाधड़ी से जुड़े मामले के निपटारे के लिए भी दाइची ने अदालत का रुख कर रखा है।
पिछले दिनों ही मलविंदर सिंह ने अपने भाई शिविंदर सिंह और उनके आध्यात्मिक गुरु के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है। दोनों भाईयों के बीच यह झगड़ा रैनबैक्सी को जापानी कंपनी दाइची सैंक्यों को बेचे जाने के बाद शुरू हुआ।
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