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विदेशी रुझानों व रुपये की चाल से बाजार को दिशा

ओपेक और रूस के बीच अगले महीने से उत्पादन कटौती की सहमति बनने के बावजूद अमेरिकी शैल तेल उत्पादन में बढ़ोतरी के कारण कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आई है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 08:25 AM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 09:03 AM (IST)
विदेशी रुझानों व रुपये की चाल से बाजार को दिशा
विदेशी रुझानों व रुपये की चाल से बाजार को दिशा

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अमेरिका और चीन का व्यापारिक संबंध, फेडरल रिजर्व की बैठक, कच्चे तेल की कीमत और रुपये की चाल से इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा तय होगी। विशेषज्ञों के मुताबिक रिजर्व बैंक के नए गवर्नर की तेजी से हुई नियुक्ति के बाद नकदी संकट दूर करने के लिए और कदम उठाए जाने की उम्मीद जगी है। इसके कारण बाजार में तेजी दिख सकती है।

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जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बाजार की चाल को देखकर ऐसा लगता है कि इसने चुनाव के संभावित परिणाम के मुताबिक पहले ही खुद को समायोजित कर लिया था। खुदरा महंगाई दर के नवंबर में घटकर 2.33 फीसद पर आने, औद्योगिक विकास दर के अक्टूबर में बढ़कर 8.1 फीसद पर पहुंचने और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के रुख के सख्त से बदलकर निरपेक्ष होने के अनुमान से निवेशकों में कारोबारी मनोबल को मजबूती मिल सकती है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति तय करने वाली समिति फेडरल ओपेन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की इस सप्ताह बैठक होने वाली है। इससे 2019 के लिए उसकी ब्याज दर योजना का कुछ संकेत मिलेगा। विशेषज्ञों ने कहा कि निवेशकों की नजर इस दौरान अमेरिका और चीन की व्यापार वार्ता पर भी रहेगी।

ओपेक और रूस के बीच अगले महीने से उत्पादन कटौती की सहमति बनने के बावजूद अमेरिकी शैल तेल उत्पादन में बढ़ोतरी के कारण कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आई है।

10 मूल्यवान कंपनियों का मार्केट कैप बढ़ा: देश की 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से पांच का बाजार पूंजीकरण (एमकैप) गत सप्ताह 42,513.94 करोड़ रुपये बढ़ गया। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) का एमकैप सर्वाधिक 12,271.31 करोड़ रुपये बढ़ा। इन्फोसिस का एमकैप 10,724.92 करोड़ रुपये, मारुति सुजुकी का 10,270.73 करोड़ रुपये, हिंदुस्तान यूनीलिवर का 7,348.99 करोड़ रुपये और आइटीसी का 1,897.99 करोड़ रुपये बढ़ा। टीसीएस, आरआइएल, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और एचडीएफसी के एमकैप में इस दौरान गिरावट रही। एमकैप के लिहाज से टीसीएस देश की सबसे अधिक मूल्यवान कंपनी बनी रही।


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