विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक लगातार तीन महीने निवेश के बाद सितंबर में रहे शुद्ध बिकवाल, 3,419 करोड़ रुपये की निकासी की
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने सितंबर महीने में बेहद सतर्क रुख अपनाया है। एफपीआई ने तीन महीने तक लगातार निवेश के बाद सितंबर में शुद्ध रूप से निकासी की है। एफपीआई ने सितंबर में भारतीय पूंजी बाजारों से 3419 करोड़ रुपये की निकासी की है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने सितंबर महीने में बेहद सतर्क रुख अपनाया है। एफपीआई ने तीन महीने तक लगातार निवेश के बाद सितंबर में शुद्ध रूप से निकासी की है। एफपीआई ने सितंबर में भारतीय पूंजी बाजारों से 3,419 करोड़ रुपये की निकासी की है। भारत सहित यूरोप व अन्य देशों में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोत्तरी और अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले अनिश्चितता के बीच एफपीआई ने यह निकासी की है।
विदेशी पोर्टफोलियों निवेशको ने इससे पहले लगातार तीन महीने भारतीय पूंजी बाजारों में लिवाली की थी। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने सितंबर महीने में शेयरों से शुद्ध रूप से 7,783 करोड़ रुपये की निकासी की। वहीं, इस अवधि में उन्होंने ऋण या बांड बाजार में 4,364 करोड़ रुपये का निवेश किया। इस तरह एफपीआई की शुद्ध निकासी 3,419 करोड़ रुपये रही।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव से पहले और कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक बेहद सतर्क रुख अपना रहे हैं। वहीं, इससे पहले अगस्त तक लगातार तीन महीने एफपीआई शुद्ध रूप से लिवाल रहे थे।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अगस्त महीने में भारतीय पूंजी बाजार में 46,532 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इससे पहले जुलाई महीने में एफपीआई का निवेश 3,301 करोड़ रुपये रहा। इससे पहले जून महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजारों में 24,053 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने भी बताया कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले एफपीआई बेहद सतर्क रुख अपना रहे हैं। श्रीवास्तव के अनुसार, कई देशों में कोरोना वायरस महामारी का दूसरा दौर शुरू हो गया है, जिससे अधिक संक्रमित क्षेत्रों में फिर से लॉकडाउन लगाए जाने की आशंका है। यही कारण है कि एफपीआई सतर्क रुख अपना रहे हैं।