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Inflation in India: महंगाई दर को छह प्रतिशत से नीचे लाने की कोशिश में सरकार, क्‍या उठाए जा रहे कदम...?

केंद्र सरकार ने कहा है कि वह महंगाई दर को छह प्रतिशत से नीचे लाने की कोशिश कर रही है। सरकार का कहना है कि मार्च की तरह महंगाई को लेकर अब चिंता नहीं है क्‍योंकि जिंसों की कीमतें नीचे आ रही हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 11 Aug 2022 08:37 PM (IST)Updated: Thu, 11 Aug 2022 08:47 PM (IST)
Inflation in India: महंगाई दर को छह प्रतिशत से नीचे लाने की कोशिश में सरकार, क्‍या उठाए जा रहे कदम...?
सरकार का कहना है कि वह महंगाई को थामने की कोशिशें कर रही है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय महंगाई दर को छह प्रतिशत से नीचे लाने की कोशिश कर रहा है। वित्त मंत्रालय का मानना है कि इस साल मार्च की तरह महंगाई को लेकर अब चिंता नहीं है। जिंसों की कीमतें नीचे आ रही हैं। मंत्रालय का कहना है कि पिछले साल नवंबर में अमेरिका में फेडरल दरों में बदलाव के संकेत मिलने के बाद से सरकार और मंत्रालय ने जो फैसला किया, उसकी वजह से हमें नुकसान नहीं हुआ।

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मुफ्त राशन वितरण के लिए वित्‍तीय गुंजाइश

मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक मुफ्त राशन के वितरण के लिए सरकार के पास हमेशा ही वित्तीय गुंजाइश है। कोरोना काल में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन का वितरण शुरू किया गया था जिसकी अवधि इस साल सितंबर में समाप्त हो रही है।

महंगाई दर छह प्रतिशत से ऊपर

पिछले छह महीनों से महंगाई दर छह प्रतिशत से ऊपर चल रही है। इस साल जून में खुदरा महंगाई दर 7.01 प्रतिशत दर्ज की गई। शुक्रवार 12 अगस्त को जुलाई की खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा जारी किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि जुलाई की खुदरा महंगाई दर सात प्रतिशत से नीचे रहेगी। आरबीआइ ने महंगाई की अधिकतम दर छह प्रतिशत तय कर रखी है।

महंगाई पर नजर रख रही सरकार

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक महंगाई पर सरकार लगातार नजर रख रही है और आर्थिक गतिविधियों के साथ आम जनता को ध्यान में रखते हुए महंगाई कम करने के उपाय किए जा रहे हैं।

कम हो रहा यूक्रेन संकट का असर 

मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक अब महंगाई को लेकर चिंता का स्तर कम होता जा रहा है। इस साल फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद महंगाई को लेकर काफी अधिक चिंता थी। इसकी मुख्य वजह है कि वैश्विक स्तर पर अब कच्चे तेल के साथ खाद के दाम कम हो रहे हैं। सोने के आयात में कमी आई है। इन सबसे चालू खाते के घाटे (कैड) में भी कमी आएगी।

सीमा शुल्क में बढ़ोतरी

वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक सरकार द्वारा फिलहाल आयातित वस्तुओं पर सीमा शुल्क को तार्किक तरीके से लगाया गया है और उसमें बदलाव की संभावना कम है। सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2020 में आत्मनिर्भर भारत अभियान की घोषणा के बाद जो चीजें भारत में मिलती हैं, उसके आयात को रोकने के लिए सीमा शुल्क में बढ़ोतरी की गई।

विश्लेषण के बाद ही फैसला

मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक पिछली सरकार में कुछ लोगों के कहने पर सीमा शुल्क में बदलाव कर दिया जाता था, लेकिन वर्तमान सरकार ऐसा नहीं कर रही है। सभी दृष्टिकोण से विश्लेषण के बाद ही सीमा शुल्क में बदलाव किया जाता है। किसी एक कंपनी का लाभ या हित देखकर सीमा शुल्क में बदलाव नहीं किया जा सकता है।

जीएसटी की दरों को तार्किक बनाने पर जोर

सूत्रों के मुताबिक जीएसटी की दरों को तार्किक बनाने का काम चल रहा है। वहीं इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के तहत भी दरों में बदलाव पर काम जारी है। हाल ही में इंवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के तहत कई वस्तुओं की जीएसटी दरों में बदलाव किया गया था।

क्रिप्टो को लेकर अभी फैसला नहीं

मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक क्रिप्टो को लेकर अभी कोई नियम बनाने पर फैसला नहीं किया गया है। हालांकि क्रिप्टो को लेकर धीरे-धीरे जानकारियों सामने आ रही हैं और इस बात का पता चल रहा है कि इसे कौन संचालित कर रहा है और पैसा कहां जा रहा है। 


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