इस साल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड उच्च स्तर पर रहने का अनुमान : मुख्य आर्थिक सलाहकार
मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मानसून के सामान्य रहने का अनुमान लगाया है जिसे देखते हुए इस साल और अगले साल खाद्यान्न उत्पादन के रिकॉर्ड स्तर पर रहने की संभावना है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सुखद खबर है। इस साल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड उच्च स्तर पर रहने का अनुमान है। मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मानसून के सामान्य रहने का अनुमान लगाया है, जिसे देखते हुए इस साल और अगले साल खाद्यान्न उत्पादन के रिकॉर्ड स्तर पर रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि यह अनाज (चावल और गेहूं) और दालों दोनों में परिलक्षित होता है। साथ ही उन्होंने कहा कि ग्राणीण भारत में मांग लचीली रही है।
Foodgrains production is expected to be at record levels in this year and coming year given the normal monsoon that has been predicted by the IMD. This is reflected both in cereals (rice and wheat) and pulses. The demand in rural India has been resilient: CEA K V Subramanian pic.twitter.com/zcMBdwj7nV
— ANI (@ANI) May 31, 2021
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा सोमवार को देश के जीडीपी के आंकड़े जारी किए। आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में देश की विकास दर 1.6 फीसद पर रही। लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसद का संकुचन दर्ज किया गया। इस पर सुब्रमण्यम ने कहा कि जीडीपी ग्रोथ की गति कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित हुई है।
मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2019-20 में देश की विकास चार फीसद पर रही थी। आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में GDP 38.96 लाख करोड़ रुपये पर रही। वित्त वर्ष 2019-20 की मार्च तिमाही में GDP 38.33 लाख करोड़ रुपये पर रही। यह सालाना आधार पर 1.6 फीसद की वृद्धि को दिखाता है।
वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही का आंकड़ा तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) से बेहतर रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल अक्टूबर से दिसंबर तिमाही में देश की विकास दर में 0.5 फीसद का इजाफा दर्ज किया गया था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में विकास दर तीन फीसद पर रही थी।