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त्योहारी सीजन में काबू में खाद्य वस्तुओं की महंगाई, खाद्य तेलों पर आयात शुल्क की रियायत मार्च 2023 तक बढ़ी

त्योहारी सीजन भारतीय बाजार के लिए कई मायनों में राहत लाया है। मौजूदा वक्‍त में खाद्य वस्तुओं की महंगाई काबू में है। सरकार की ओर से खाद्यान्‍न का बफर स्टॉक बनाए जाने से बाजार में जिंसों की पर्याप्त उपलब्धता है। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Jagran NewsEdited By: Krishna Bihari SinghPublished: Mon, 03 Oct 2022 07:53 PM (IST)Updated: Mon, 03 Oct 2022 08:03 PM (IST)
त्योहारी सीजन में काबू में खाद्य वस्तुओं की महंगाई, खाद्य तेलों पर आयात शुल्क की रियायत मार्च 2023 तक बढ़ी
त्योहारी सीजन के बावजूद खाद्य वस्तुओं की महंगाई काबू में है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। त्योहारी सीजन के बावजूद खाद्य वस्तुओं की महंगाई काबू में है। पिछले एक महीने के दौरान खाद्य तेल व दालों के मूल्य में गिरावट आई है। जबकि खुले बाजार में सरकारी गोदामों से 80 लाख टन से अधिक खाद्यान्न की बिक्री (ओएमएसएस) से गेहूं व चावल के मूल्य में गिरावट का रुख है। आमतौर पर सितंबर में आलू व प्याज की कीमतें सातवें आसमान पर पहुंच जाती थीं, जबकि इस बार सरकारी तैयारियों के तहत बफर स्टॉक बनाए जाने से बाजार में इन के जिंसों की पर्याप्त उपलब्धता है।

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खाद्य मंत्रालय ने जारी किया आंकड़ा

चालू सीजन में दो सितंबर-2022 से दो अक्तूबर-2022 के इस महीने के दौरान प्रमुख खाद्य वस्तुओं की कीमतों का उल्लेख करते हुए उपभोक्ता व खाद्य मंत्रालय ने एक आंकड़ा जारी किया है। इसके आधार पर पाम आयल के मूल्य में 11 फीसद, प्याज में आठ फीसद, आलू में सात फीसद, वनस्पति घी व सूरजमुखी तेल में छह-छह फीसद और सोयाबीन तेल में पांच फीसद की कमी दर्ज की गई है।

पूरी तरह नियंत्रण में कीमतें

इसी तरह चना दाल चार फीसद, सरसों तेल तीन फीसद, मसूर दाल तीन फीसद और मूंगफली तेज का मूल्य दो फीसद कम हुआ है। मंत्रालय का दावा है कि बाजार में पर्याप्त उपलब्धता से कीमतें पूरी तरह नियंत्रण में हैं।

बफर स्टॉक से मिली राहत

दरअसल, जिंस बाजार में महंगाई रोकने के लिए सरकार ने दाल और प्याज का बफर स्टॉक बना रखा है, जिससे बाजार में सटोरिए महंगाई बढ़ाकर मुनाफा कमाने का अपना खेल नहीं कर पा रहे हैं। सितंबर से दिसंबर के बीच प्रत्येक वर्ष प्याज की किल्लत होती रही है, जिससे बाजार में भारी तेजी आती थी। लेकिन इस बार इस सीजन में प्याज के मूल्य 20 से 24 रुपये किलो पर स्थिर बने हुए हैं।

सरकार ने आयात शुल्क की रियायतों की म‍ियाद बढ़ाई

इस बारे में उपभोक्ता मंत्रालय का कहना है कि सरकार के बफर स्टॉक में ढाई लाख टन से अधिक प्याज पड़ा हुआ है। इसके मद्देनजर महंगाई बढ़ाने वाले प्याज के सटोरियों पर काबू पा लिया गया है। आयातित महंगे खाद्य तेलों की कीमतों को घटाने के लिए सरकार ने आयात शुल्क की रियायतों को 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया है। इसी वजह से कीमतों में गिरावट का रुख है। 

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