युवा ग्राहकों को लुभाने के लिए ऑनलाइन लॉन्च पर जोर दे रहीं FMCG कंपनियां
इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स के बाद अब एफएमसीजी उत्पादों के लिए भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अहम होने लगा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स के बाद अब एफएमसीजी उत्पादों के लिए भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अहम होने लगा है। कंपनियां ऑफलाइन बाजार से पहले अपने उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उतार रही हैं। युवा ग्राहकों में ऑनलाइन शॉ¨पग के बढ़ते ट्रेंड को देखते हुए कंपनियां इस त्योहारी सीजन में अपने उत्पादों को पहले ऑनलाइन बाजार में उतारने की योजना बना रही हैं।
अभी तक ऑनलाइन बिक्री के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और कंज्यूमर ड्यूरेबल उत्पाद बनाने वाली कंपनियां ही ज्यादा जोर दे रही थीं। लेकिन अब युवा ग्राहकों को लुभाने के लिए एफएमसीजी कंपनियां भी इस क्षेत्र में उतरने लगी हैं। उत्पाद चाहे चिप्स, चॉकलेट, नूडल्स या फिर शैंपू और तेल कुछ भी हो, कंपनियों की पहली प्राथमिकता उसे ऑनलाइन बाजार में पेश करने की होती है। हाल ही में डाबर इंडिया ने हेयर केयर सेग्मेंट में डाबर आमला के ब्रांड तले पूरी रेंज केवल ऑनलाइन बाजार के लिए पेश की है। ऐसा कर कंपनी ने एफएमसीजी कंपनियों की मार्केटिंग रणनीति में आ रहे इस बदलाव को सिद्ध भी किया है। कंपनी खुद भी मानती है कि मिलेनियल (इस सदी के पहले वर्ष पैदा हुए) ग्राहक अब अपनी अधिकांश शॉ¨पग ऑनलाइन ही कर रहे हैं। लिहाजा यह मंच उनके उत्पादों की टेस्टिंग के लिए काफी लाभदायक साबित होता है।
उत्तर भारत में नवरात्र से शुरू होने वाले त्योहारी सीजन के लिए भी एफएमसीजी कंपनियां इसी तरह से अपने उत्पादों की लांचिंग की तैयारी कर रही हैं। नूडल्स, चॉकलेट, कुकीज बनाने वाली कई कंपनियां इसकी योजना बना रही हैं। बहुत जल्द अन्य कंपनियां भी अपने उत्पाद बाजार के इस हिस्से में लांच करना शुरू करेंगी।
घरेलू बाजार में ऑनलाइन व एप आधारित ग्रॉसरी प्लेटफॉर्म की लोकप्रियता बढ़ती देख एफएमसीजी कंपनियों का रुझान इस बाजार में बढ़ रहा है। ग्राहकों में भी ऑनलाइन ग्रॉसरी प्लेटफार्म से खरीदारी करने की स्वीकार्यता बढ़ी है। यही वजह है कि एफएमसीजी कंपनियों के साथ-साथ ये प्लेटफॉर्म भी त्योहारों पर अपनी तरफ से ग्राहकों को आकर्षित करने का मौका नहीं चूकना चाहते।
मार्केट रिसर्च एजेंसी नील्सन के मुताबिक एफएमसीजी कंपनियों की कुल बिक्री में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की हिस्सेदारी साल 2030 तक 11 परसेंट हो जाएगी। साल 2018 में यह हिस्सेदारी केवल 0.4 परसेंट की रही थी। चालू वित्त वर्ष में इसके दो परसेंट तक पहुंचने का अनुमान है। डाबर इंडिया के एक अधिकारी के मुताबिक युवा ग्राहक आज की तारीख में अपनी 80 परसेंट खरीदारी ऑनलाइन करता है। इसलिए कंपनियों के लिए अपने अधिकांश उत्पादों के साथ बाजार के इस हिस्से में बने रहना अनिवार्य हो गया है।