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गांव लौटे करीब 67 लाख प्रवासी मजदूरों के रोजगार के लिए सरकार लेकर आई स्‍कीम, 20 जून को प्रधानमंत्री करेंगे लॉन्‍च

Nirmala Sitharaman Speech Highlights वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहा केंद्र और राज्य सरकारों ने 6 राज्यों के इन 116 जिलों में बड़ी संख्या में लौटे प्रवासी श्रमिकों के कौशल को जा

By NiteshEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 03:20 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 05:49 PM (IST)
गांव लौटे करीब 67 लाख प्रवासी मजदूरों के रोजगार के लिए सरकार लेकर आई स्‍कीम, 20 जून को प्रधानमंत्री करेंगे लॉन्‍च
गांव लौटे करीब 67 लाख प्रवासी मजदूरों के रोजगार के लिए सरकार लेकर आई स्‍कीम, 20 जून को प्रधानमंत्री करेंगे लॉन्‍च

नई दिल्ली, एएनआइ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को गरीब कल्याण रोजगार अभियान के बारे में जानकारी देते हुए कहा, 'लॉकडाउन के बाद पूरे देश में बड़ी संख्या में श्रमिक अपने गांवों को गए हैं। राज्यों ने इसके लिए परिवहन की व्यवस्था भी की थी। हम उन जिलों की पहचान कर रहे हैं, जहां सबसे ज्यादा मजदूर लौटे हैं।'

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Nirmala Sitharaman Speech Highlights

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'इन 25 कार्यों में आंगनवाड़ी केंद्र, ग्रामीण सड़कें, ग्रामीण आवास, रेलवे के काम, ग्रामीण क्षेत्रों में RURBAN मिशन, सोलर पम्पसेट, फाइबर ऑप्टिक केबल बिछाने आदि काम शामिल हैं।'
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत आए 25 कार्यों में से जो काम गांव लौटे श्रमिक की स्कील के अनुसार सही होगा, उसका चयन किया जाएगा।'
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान रोजगार और आधारभूत संरचना के निर्माण के लक्ष्य के साथ 25 कार्यों पर काम करेगा। प्रधानमंत्री मोदी बिहार के खगरिया में 20 जून को 11 बजे इस योजना को लॉन्च करेंगे।'
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान छह राज्यों के 116 जिलों में चलेगा। यह 67 लाख प्रवासी मजदूरों के लिए है। 116 जिलों में 27 जिलों में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर आए हैं।'
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'प्रंदहवें वित्त आयोग की शिफारिश के अनुसार, गावों में ग्रामीण स्थानीय निकायों को धन जारी होगा। गरीब कल्याण रोजगार अभियान काम उपलब्ध करवाएगा और ग्रामीण इलाकों में संपत्ति निर्माण करेगा, जिससे ग्रामीण विकास को बल मिले।'
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'हम 116 जिलों में 25 विभिन्न कार्यों के लिए धन आवंटित करना चाहते हैं। इससे कि इन सभी जिलों में प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार सुनिश्चित हो सके। हम इन मजदूरों को एक दिशा देना चाहते हैं। साथ ही ग्रामीण संपत्ति निर्माण में भी मदद करना चाहते हैं।'
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'जो भी इन 116 जिलों में काम चाहता है, उसे गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत काम दिया जाएगा। इस योजना में कुल 50,000 करोड़ खर्च होंगे। 
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'गरीब कल्याण रोजगार योजना के अंतर्गत छह राज्यों के 116 जिलों में 50,000 करोड़ खर्च किये जाएंगे। इस योजना को 20 जून 2020 को पीएम मोदी लॉन्च करेंगे।'
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत साथ लाकर भारत सरकार की 25 योजनाओं के उद्देश्यों को 116 जिलो में 125 दिनों के अंदर पूरा किया जाएगा। इसमें प्रवासी मजदूरों और ग्रामीण नागरिकों से काम की पेशकश की जाएगी।'
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, '125 दिनों में 116 जिलों के लिए करीब 25 सरकारी योजनाओं को गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत एक साथ लाया जाएगा। हम 125 दिनों में इन योजनाओं के सभी स्तरों पर काम करेंगे।'
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'केंद्र और राज्य सरकारों ने छह राज्यों के इन 116 जिलों में बड़ी संख्या में लौटे प्रवासी श्रमिकों के कौशल को जाना है।'
  • 20 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत करेंगे। इस योजना का उद्देश्‍य प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार का सृजन करना है।
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'हमने पाया कि प्रवासी मजदूर 116 जिलों में सबसे ज्यादा वापस आए हैं। ये छह राज्यों में हैं। जिनमें बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेस, मध्य प्रदेश, उड़ीसा और राजस्थान शामिल है।'

MSME सेक्टर के लिए कई एलान

वित्त मंत्री ने लॉकडाउन से प्रभावित सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों (MSMEs) के लिए कई तरह के उपायों की घोषणा की थी। उन्होंने MSME सेक्टर के लिए बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ रुपये के लोन की सुविधा देने का बुधवार को एलान किया था। यह कॉलेट्रल फी लोन स्कीम है, जिससे 45 लाख MSMEs को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि MSMEs को चार साल के लिए यह लोन दिया जाएगा। इसके साथ ही लोन मिलने के पर 12 महीनों तक MSMEs को मूलधन चुकाने की जरूरत नहीं होगा। उन्होंने MSMEs के लिए 50,000 करोड़ रुपये के फंड ऑफ फंड्स बनाने की भी घोषणा की थी।


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