एक्सपोर्ट और घर खरीदारों के लिए बड़ा एलान, जानिए, सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें
Nirmala sitharaman press conference live update बीते 1 महीने में यह तीसरी बार है जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर कई बड़े एलान किए गए। दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने बैंकों के क्रेडिट आउटफ्लो बढ़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि सीपीआई पूरे नियंत्रण में है और महंगाई को हमने हर समय 4 फीसद से नीचे रखा है। इसके अलावा वित्त मंत्री ने कोर इंडस्ट्री में सुधार के संकेत भी दिए।
सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें...
- सरकार के अलावा LIC जैसे निवेशक भी डालेंगे पैसा
- अफोर्डेबल हाउसिंग पर आसान ECB गाइडलाइंस
- अफोर्डेबल मिडिल हाउसिंग के लिए फंड
- 10 हजार करोड़ रुपये के फंड का एलान
- फ़ॉरेक्स लोन नियमों को आसान बनाया गया
- एक्सपोर्ट अवधि को कम करने के लिए एक्शन प्लान
- नया प्लान दिसंबर तक लागू हो जाएगा
- एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए मेगा फेस्टिवल
- 4 शहरों में आयोजित होगा मेगा फेस्टिवल
- एक्सपोर्ट इंश्योरेंस के लिए हर साल 1700 करोड़ रुपये
- सितंबर के अंत तक जीएसटी रिफंड
- पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक रिफंड लागू होगा
- लेबर इंटेंसिव सेक्टर को प्राथमिकता मिलेगी
- RODTEP 1 जनवरी, 2020 से लागू होगा
- आयकर कार्यालय में सब कुछ तकनीक के सहारे, कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं
- एक्सपोर्ट फाइनेंस की मॉनिटरिंग होगी
- एक्सपोर्ट में ई रिफंड इस महीने के आखिर से लागू
- एक्सपोर्ट फाइनेंस की मॉनिटरिंग होगी
- एक्सपोर्ट में ई रिफंड इस महीने के आखिर से लागू
- नई स्कीम से सरकार पर 50 हजार करोड़ रुपये का बोझ
- एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए RoDTEP स्कीम
- MSME के लिए गारंटी प्रीमियम पहले से कम होगा
- GST का रिफंड इलेक्ट्रॉनिक होगा
- ब्याज समानता योजना IES दर में वृद्धि की गई
- टैक्सटाइल में MEIS इस साल के अंत तक
- MEIS की जगह अब RoDTEP
- महंगाई नियंत्रण में है और औद्योगिक उत्पादन में रिवाइवल के स्पष्ट संकेत
- एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए कई कदम
- 25 लाख तक के डिफ़ॉल्ट में दो बड़े अधिकारियों की मंजूरी
- छोटे टैक्स डिफ़ॉल्ट में मुकदमा नहीं
- 19 सितंबर को PSU बैंकों के प्रमुख के साथ बैठक
- इनकम टैक्स में ई एसेसमेंट स्कीम लागू किया
- बैंकों का क्रेडिट आउटफ्लो बढ़ा है
- एफडीआई 2018-19 और 2019-20 के बीच बढ़ा: सीतारमण
- सीपीआई बहुत नियंत्रण में है, महंगाई को हर समय 4 से नीचे रखा गया है
- हम घर खरीदारों के लिए निर्यात और सुधार के बारे में बात करेंगे
- कोर इंडस्ट्री में सुधार के संकेत
- फिक्स्ड इन्वेस्टमेंट में में वृद्धि
बीते 1 महीने में यह तीसरी बार है जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए बड़ी घोषणाएं कर रही हैं। इससे पहले 30 अगस्त को भी उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये बैंकिंग सेक्टर को लेकर कई बड़े एलान किए थे। वित्त मंत्री ने 10 सरकारी बैंकों (पीएसबी) को मिलाकर चार बैंक बनाने की घोषणा की। जिसमें पंजाब नेशनल बैंक में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक का मर्जर होगा। इसी तरह दूसरे मर्जर में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक एक साथ हो जाएंगे। इसके अलावा केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक और इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक शामिल होगा।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री ने 23 अगस्त को भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इकोनॉमी से जुड़े कई घोषणाएं की। इस दौरान विदेशी निवेशकों पर लगने वाले अतिरिक्त सरचार्ज को हटाने का एलान किया गया। इसके अलावा बैंकों को जल्द ही 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध कराने की घोषणा की गई। इसके अलावा बैंकों को निर्देश दिया गया कि वे अब आरबीआई द्वारा रेपो रेट में की गई कटौती का फायदा सीधे ग्राहकों को देंगे।
Press Conference by Union Finance Minister @nsitharaman to announce important decisions of the government.
⏰: 2:30 PM, Today
📍: National Media Centre, New Delhi
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उल्लेखनीय है कि वित्तमंत्री ने हाल ही में ऑटो सेक्टर में आई मंदी के पीछे ओला और उबर को जिम्मेदार ठहराया था। चेन्नई में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि आज युवा गाड़ी खरीदने की बजाय टैक्सी सर्विस का इस्तेमाल कर रहे हैं, इसलिए ऑटो सेक्टर में नरमी आई है। बता दें कि देश की आर्थिक वृद्धि दर (जीडीपी ग्रोथ रेट) 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर पांच फीसदी रह गई। ज्ञात हो कि हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस साल रेपो रेट में चार बार कटौती की है।
उधर, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था में सुस्ती को लेकर मोदी सरकार पर सवाल उठाया था, साथ ही उन्होंने इसमें सुधार के लिए कई उपाय सुझाए थे।