सीतारमण ने राहत पैकेज में किसानों का भी रखा ख्याल, खाद सब्सिडी में वृद्धि को लेकर किया अहम एलान
Economic Package वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण राहत पैकेज का एलान किया। इस दौरान सीतारमण ने केंद्र की तरफ से पूर्व में किए गए एक और एलान को अमली जामा पहनाने की घोषणा है।
नई दिल्ली, जेएनएन। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण राहत पैकेज का एलान किया। इस दौरान सीतारमण ने केंद्र की तरफ से पूर्व में किए गए एक और एलान को अमली जामा पहनाने की घोषणा है। यह किसानों को अतिरिक्त खाद सब्सिडी देने को लेकर है। पिछले वित्त वर्ष में किसानों को खाद सब्सिडी के मद में 27,500 करोड़ रुपये दिए गए थे, जिसे चालू वित्त वर्ष में बढ़ाकर 42,275 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इससे हाल ही में उर्वरकों की कीमतों में हुई वृद्धि का बोझ किसानों पर नहीं पड़ेगा। सीतारमण ने बताया कि अभी तक देश में सिर्फ अन्न का उत्पादन बढ़ाने पर जोर था। लेकिन कोरोना के बाद सरकार इस बारे में रणनीति बदल रही है। अब किसानों को पोषण बढ़ाने वाले अनाजों के उत्पादन पर खास जोर देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
कृषि अनुसंधान परिषद जिंक, आयरन, प्रोटीन आदि से संपन्न अनाज विकसित कर रहा है। देशभर में उत्पादन के लिए बाजरा, दाल, सोयाबीन, मक्का, जौ समेत मोटे अनाजों की 21 किस्म का चयन किया गया है। गरीबों को इस वर्ष नवंबर तक पांच किलो अतिरिक्त अनाज देने की योजना भी सोमवार को आधिकारिक रूप से घोषित की गई है। इस स्कीम पर चालू वर्ष के दौरान 93,869 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
निर्यातकों को खास प्रोत्साहन
कोरोना महामारी के दौरान कई सेक्टरों के निर्यात पर भी असर पड़ा है और निकट भविष्य में इकोनोमी को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए इस सेक्टर पर खासतौर पर ध्यान देने की जरुरत होगी। इस जरूरत को पहचानते हुए सरकार ने प्रोजेक्ट निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 33,000 करोड़ रुपये की स्कीम घोषित की है। यह स्कीम नेशनल एक्सपोर्ट इंश्योरेंस एकाउंट (एनईआइए) के तहत दिया जाएगा। एनईआइए को अगले पांच वर्षों के दौरान वित्तीय मदद दी जाएगी।
इसके अलावा 88,000 करोड़ रुपये के वस्तु निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी स्कीम की भी घोषणा की है। यह निर्यात भी अगले पांच वर्षों में संभव होगा।इसके साथ ही केंद्र सरकार ने देश में बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए पूर्व में घोषित पीएलआइ स्कीम को वर्ष 2025-26 तक बढ़ा दिया है। यह स्कीम पिछले वित्त वर्ष तक के लिए ही थी, लेकिन कोरोना की वजह से कई कंपनियां इसे लागू नहीं कर पाई हैं। प्लांट मशीनरी नहीं पहुंचने या सप्लाई चेन नहीं होने से इस स्कीम के तहत शामिल कंपनियां निर्धारित समय में काम शुरू नही कर पाई हैं।
इसी तरह से केंद्र सरकार ने पूर्व में घोषित एक और स्कीम में कुछ संशोधन किया है। यह स्कीम राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों से जुड़ी है। पिछले साल सरकार ने चार तरह के सुधार लागू करने पर राज्यों की डिस्काम को सस्ती दर पर कर्ज उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। इसके लिए राज्यों को अपने सकल घरेलू उत्पाद का 0.5 फीसद हर वर्ष चार वर्षों तक अतिरिक्त कर्ज लेने की सुविधा दी गई है।