Flipkart की दिवालिया प्रक्रिया पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, एक सप्लायर ने NCLT में दायर की थी याचिका
कर्नाटक हाई कोर्ट ने ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी प्रक्रिया शुरू करने के एनसीएलटी के फैसले पर स्थगन आदेश दिया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कर्नाटक हाई कोर्ट ने ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी प्रक्रिया शुरू करने के एनसीएलटी के फैसले पर स्थगन आदेश दिया है। एक बयान में फ्लिपकार्ट ने कहा कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के 24 अक्टूबर, 2019 के एक फैसले से राहत के लिए उसने कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। कर्नाटक हाई कोर्ट में फिलहाल सुनवाई की अगली तारीख तय नहीं हुई है।
फ्लिपकार्ट ने बयान में कहा, 'माननीय उच्च न्यायालय ने इस मामले पर विचार किया और अपने 25 अक्टूबर के आदेश में उसने 24 अक्टूबर के आदेश को स्थगित कर दिया।' इसके बाद याचिका पर कर्नाटक हाई कोर्ट में 31 अक्टूबर को सुनवाई हुई जहां यह निर्देश दिया गया कि सुनवाई की अगली तारीख तक स्थगन जारी रहेगा।
कंपनी के एक सप्लायर क्लाउडवॉकर स्ट्रीमिंग टेक्नोलॉजीज की याचिका पर एनसीएलटी ने फ्लिपकार्ट के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दे दिया था।
क्लाउडवॉकर स्ट्रीमिंग ने एनसीएलटी में याचिका दायर कर कहा था कि फ्लिपकार्ट ने उसके 18 करोड़ रुपये बकाये पर डिफॉल्ट किया है। इसका मतलब यह है कि कंपनी आर्थिक रूप से परिचालन में सक्षम नहीं है।
इस पर एनसीएलटी की बेंगलुरु खंडपीठ ने आइबीसी, 2016 के तहत फ्लिपकार्ट के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया। इसके तहत एनसीएलटी ने दीपक सरूपरिया को अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आइआरपी) नियुक्त कर दिया। इतना ही नहीं, एनसीएलटी ने कंपनी के निदेशक बोर्ड को भी कहा कि वे आइआरपी के साथ पूरा सहयोग करें। कंपनी को संपत्ति की बिक्री से भी रोक दिया गया।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष अमेरिका की रिटेल दिग्गज वालमार्ट ने फ्लिपकार्ट की 77 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर लिया था।