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फिच ने साख आकलन सुधारा

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। औद्योगिक उत्पादन की धीमी रफ्तार और रुपये की कमजोरी को थामने के लिए जूझ रही सरकार को ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने राहत दी है। एजेंसी ने भारत के साख आकलन को सुधार कर नकारात्मक से स्थिर कर दिया है। फिच ने यह फैसला राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के सरकार के उपायों को देखते हुए लिया है। अर्थव्यवस्था के

By Edited By: Published: Wed, 12 Jun 2013 09:07 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
फिच ने साख आकलन सुधारा

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। औद्योगिक उत्पादन की धीमी रफ्तार और रुपये की कमजोरी को थामने के लिए जूझ रही सरकार को ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने राहत दी है। एजेंसी ने भारत के साख आकलन को सुधार कर नकारात्मक से स्थिर कर दिया है। फिच ने यह फैसला राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के सरकार के उपायों को देखते हुए लिया है।

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अर्थव्यवस्था के बदले हालात के मद्देनजर फिच ने आउटलुक में बदलाव किया है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसियों स्टैंडर्ड एंड पुअर्स [एसएंडपी], मूडीज और फिच ने पिछले साल ही देश के लिए अपने आउटलुक में बदलाव करते हुए इसे स्थिर से नकारात्मक किया था। एजेंसी ने कहा है कि साख में बदलाव को लेकर आगे उसका रुख सरकार के कदमों पर निर्भर करेगा। उसने उम्मीद जताई है कि आर्थिक विकास और निवेश में वृद्धि के लिए सरकार ढांचागत दिक्कतों को दूर करेगी।

साल 2012-13 में सकल घरेलू उत्पाद [जीडीपी] की दर पांच फीसद रहने के बावजूद फिच ने उम्मीद जताई है कि आगे इसमें सुधार होगा। मगर इसकी रफ्तार धीमी रहेगी। फिच ने चेतावनी दी है कि आर्थिक विकास की रफ्तार तब तक धीमी बनी रहेगी जब तक देश में निवेश का बेहतर माहौल नहीं बनता। यही वजह है कि फिच ने चालू वित्त वर्ष में 5.7 और साल 2014-15 में जीडीपी की दर 6.5 फीसद रहने की उम्मीद जताई है।


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