वित्तीय परिदृश्य बिगड़ने से भारत की रेटिंग पर पड़ सकता है असर, Fitch Ratings का अनुमान
Fitch Ratings ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के काबू में आने के बाद सरकार अपनी राजकोषीय नीतियों को लेकर फिर से कड़ा रुख अख्तियार कर सकती है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। प्रमुख रेटिंग एजेंसी Fitch Ratings ने मंगलवार को कहा कि अगर इस वित्त वर्ष में भी भारत में कमजोर वृद्धि देखने को मिलती है और राजकोषीय घाटा बढ़ता है तो इसका असर वित्तीय परिदृश्य पर देखने को मिल सकता है। एजेंसी ने कहा है कि इन परिस्थितियों में अगर भारत के वित्तीय परिदृश्य से जुड़ी स्थिति बिगड़ती है तो देश की रेटिंग दबाव में आ सकती है। एजेंसी ने देश की सॉवरिन रेटिंग के संदर्भ में यह बात कही है। रेटिंग एजेंसी फिच ने पिछले साल दिसंबर में भारत की रेटिंग को स्थिर परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी- (नकारात्मक) पर बनाये रखा था।
रेटिंग एजेंसी के मुताबिक भारत सरकार को अगर तीन मई के बाद भी लॉकडाउन बढ़ाना पड़ता है तो ऐसी स्थिति में आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सरकार को नए राहत पैकेज की घोषणा करनी पड़ सकती है। फिच ने कहा है कि ऐसी स्थिति में संकट के बाद के परिदृश्य और उस अवधि में अपनाई जाने वाली संभावित वित्तीय कार्ययोजनाओं के आधार पर भारत की रेटिंग का आकलन किया जाएगा।
Fitch Ratings ने एक बयान जारी कर कहा है, ‘‘भारत की वृद्धि दर कम रहने या नये प्रोत्साहन उपायों से अगर वित्तीय परिदृश्य की स्थिति बिगड़ती है तो देश के सावरिन रेटिंग पर बढ़ा हुआ दबाव देखने को मिल सकता है। इस संदर्भ में उल्लेखनीय बात यह है कि इस संकट की शुरुआत के समय भी भारत के सामने वित्तीय क्षेत्र में सीमित गुंजाइश ही थी।’’
फिच ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के काबू में आने के बाद सरकार अपनी राजकोषीय नीतियों को लेकर फिर से कड़ा रुख अख्तियार कर सकती है। हालांकि, एजेंसी का कहना है कि इस मामले में भारत का रिकार्ड बहुत अच्छा नहीं रहा है।