मार्च में 15 फीसद से ज्यादा खर्च नहीं कर सकते विभाग
वित्त मंत्रालय ने विभागों को स्पष्ट किया कि वित्त वर्ष के अंतिम महीने में 15 फीसद से अधिक राशि खर्च न की जाए
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। वित्त मंत्रालय ने बजट राशि खर्च करने में लेटलतीफी करने वाले विभागों को आगाह किया है। वित्त मंत्रालय ने ऐसे विभागों को साफ कहा है कि वित्त वर्ष के अंतिम महीने यानी मार्च में 15 प्रतिशत से अधिक राशि खर्च न की जाए। इस संबंध में विभागों को वित्तीय नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही विभागों को आय और व्यय का ब्यौरा दैनिक तौर पर अपडेट करने का भी निर्देश दिया गया है।
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन तंत्र (पीएफएमएस) पोर्टल पर खर्च का ब्यौरा 20 मार्च तक भेज दिया जाए। इसके बाद व्यय की कुछ ही अर्जियों पर विचार किया जाएगा। नियमानुसार जनवरी से मार्च की तिमाही में बजटीय आवंटन में से अधिकतम 33 प्रतिशत राशि खर्च की जा सकती है। अंतिम तिमाही के मार्च में 15 प्रतिशत राशि खर्च हो सकती है। इसलिए इस सीमा का उल्लंघन न होना चाहिए।
एक से 31 मार्च के दौरान वित्त मंत्रालय का व्यय विभाग नियमित रूप से बजट डिवीजन को चालू वित्त वर्ष के संबंध में राजस्व प्राप्ति और व्यय के संबंध में आंकड़े उपलब्ध कराता है। जो विभाग अभी तक पीएफएमएस से नहीं जुड़े हैं, उन्हें दैनिक रूप से आय-व्यय के आंकड़े भेजने को कहा गया है। साथ ही मंत्रालय ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड को भी कर संग्रह के आंकड़े नियमित तौर रोजाना अपडेट करने को कहा है।
जीईएम से सरकारी खरीद अनिवार्य
सरकार ने सभी मंत्रलयों और विभागों के लिए ई-मार्केट पोर्टल से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद अनिवार्य कर दी है। इससे सरकारी खरीद में पारदर्शिता आयेगी। अनुमान के मुताबिक हर साल करीब 10 हजार करोड़ रुपये की खरीद की जाती है। वाणिय मंत्रालय ने पिछले साल ई-मार्केट पोर्टल गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) लांच किया था। वित्त मंत्रालय ने जनरल फाइनेशियल रूल्स में संशोधन किया है। इसके अनुसार अब वस्तुओं और सेवाओं की खरीद इस पोर्टल के जरिये करना अनिवार्य है। पोर्टल पर कंप्यूटर, स्टेशनरी समेत तमाम वस्तुओं और सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं।