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अरुण जेटली सरकारी बैंकों के प्रदर्शन की करेंगे समीक्षा, 25 सितंबर को बैंक प्रमुखों के साथ होगी बैठक

सितंबर को होने वाली इस बैठक में फंसे कर्ज यानी एनपीए कम करने के संबंध में अब तक की प्रगति सहित कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी

By Surbhi JainEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 12:07 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 12:07 PM (IST)
अरुण जेटली सरकारी बैंकों के प्रदर्शन की करेंगे समीक्षा, 25 सितंबर को बैंक प्रमुखों के साथ होगी बैठक
अरुण जेटली सरकारी बैंकों के प्रदर्शन की करेंगे समीक्षा, 25 सितंबर को बैंक प्रमुखों के साथ होगी बैठक

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बैंकिंग क्षेत्र में बड़े सुधारों की दिशा में कदम उठाने के बाद सरकार अब सरकारी बैंकों के कामकाज की समीक्षा करने जा रही है। इसी सिलसिले में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली अगले हफ्ते सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे।

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सूत्रों ने कहा कि सितंबर को होने वाली इस बैठक में फंसे कर्ज यानी एनपीए कम करने के संबंध में अब तक की प्रगति सहित कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री जन धन योजना और अटल पेंशन योजना जैसी सरकारी योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब एक दिन पहले ही सरकार ने तीन सरकारी बैंकों- बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के एकीकरण की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है।

सूत्रों ने कहा कि इस बैठक में कर्ज में वृद्धि तथा फंसे कर्ज की स्थिति के बारे में भी चर्चा की जाएगी। सरकार ने फंसे कर्ज की वसूली का रास्ता साफ करने के लिए हाल में कई कार्यकारी और विधायी कदम उठाए हैं। ऐसे में बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि ये कदम कितने प्रभावी साबित हुए हैं। उल्लेखनीय है कि बैंकों ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 36,551 करोड़ रुपये के फंसे कर्ज की वसूली की है, जो पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले 49 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2017-18 में बैंकों ने 74562 करोड़ रुपये की वसूली की थी। हालांकि वित्त वर्ष 2017-18 में बैंकों को भारी भरकम 87,357 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। सबसे ज्यादा पीएनबी को 12,283 करोड़ का घाटा हुआ। पिछले वित्त वर्ष में सिर्फ इंडियन बैंक व विजया बैंक ने ही लाभ दर्ज किया था। शेष 19 बैंकों को घाटा हुआ।

बैंकिंग क्षेत्र में सुधारों पर रिपोर्ट कार्ड लाएगी सरकार

सरकारी बैंकों को फंसे कर्ज यानी एनपीए से उबारने और उनका पूंजी आधार मजबूत बनाने के मुद्दे को सरकार आम चुनाव में भुनाने की तैयारी कर रही है। केंद्र अगले साल लोक सभा चुनाव से ठीक पहले बैंकिंग क्षेत्र के सुधारों पर रिपोर्ट कार्ड पेश करेगा। इस रिपोर्ट कार्ड में उन उपायों को ब्यौरा दिया जाएगा, जिनके जरिये सरकार ने एनपीए संकट को हल किया है। वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सचिव राजीव कुमार का कहना है कि सरकार मार्च 2019 में बैंकिंग क्षेत्र के सुधारों पर रिपोर्ट कार्ड पेश करेगी।

इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आइबीए) ने बैंकों की स्वतंत्र रैंकिंग तैयार करने की दिशा में कदम उठाया है। सूत्रों ने कहा कि मोदी सरकार ने बीते चार साल में बैंकों को फंसे कर्ज से निकालने और उनका पूंजी आधार मजबूत बनाने के लिए दो दर्जन से अधिक कदम उठाए हैं। सरकार ने बीते चार साल में जो सुधार किए, उससे एनपीए में कमी आने लगी है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एनपीए में 21, 000 करोड़ रुपये की कमी आयी। बैंकों के फंसे कर्ज को वसूलने के लिए सबसे प्रमुख कदम इंसॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड के रूप में उठाया है।


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