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उद्योगों को दिए जाने वाले कर्ज की रफ्तार बढ़ाने को बैंक शाखाओं का दौरा करेंगी वित्त मंत्री

वित्त मंत्री ने बताया कि बैंक प्रमुखों के साथ तीन सत्रों में बैठक हुई। पहले सत्र में बैठक में कर्ज बांटने के तरीके को और आसान बनाने पर भी बात हुई।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 08:47 AM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 12:18 PM (IST)
उद्योगों को दिए जाने वाले कर्ज की रफ्तार बढ़ाने को बैंक शाखाओं का दौरा करेंगी वित्त मंत्री
उद्योगों को दिए जाने वाले कर्ज की रफ्तार बढ़ाने को बैंक शाखाओं का दौरा करेंगी वित्त मंत्री

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकार की तरफ से बार-बार आश्वस्त करने के बावजूद बैंकों की तरफ से उद्योग जगत को दिए जाने वाले कर्ज की रफ्तार बहुत नहीं बढ़ पा रही है। ऐसे में अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फैसला किया है कि वे बैंक शाखाओं का दौरा करेंगी और कर्मचारियों में भरोसे का संचार करेंगी। इस बात की जानकारी उन्होंने खुद ही यहां संवाददाता सम्मेलन में दी।

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वित्त मंत्री सीतारमण, एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी और सरकारी क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक में कई मुद्दों पर बात हुई। सरकार की तरफ से बैंकों को हर स्तर पर प्रोत्साहन दिया जा रहा है कि वे ज्यादा से ज्यादा कर्ज वितरित करें।वित्त मंत्री ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के साथ-साथ केंद्र सरकार चाहती है कि बैंक कर्ज वितरित करने में कोई कोताही नहीं बरतें और जिस भी सेक्टर से मांग आए उसे कर्ज दें।

पीएमओ भी कहता रहा है कि बैंकों को बेखौफ होकर जांचे-परखे आवेदकों को कर्ज देना चाहिए। इस बारे में बैंकों को प्रोत्साहित करने के लिए वे खुद देशभर की बैंक शाखाओं का दौरा करेंगी। इस क्रम में वे बैंकों के कर्मचारियों से भी मिलेंगी और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश करेंगी। यह दौरा वे मार्च से शुरू हो रहे संसदीय सत्र की समाप्ति के बाद करेंगी।

वित्त मंत्री ने बताया कि बैंक प्रमुखों के साथ तीन सत्रों में बैठक हुई। पहले सत्र में बैठक में कर्ज बांटने के तरीके को और आसान बनाने पर भी बात हुई ताकि बैंकों की सेवा की गुणवत्ता भी बढ़ सके। दूसरे सत्र में एमएसएमई सेक्टर को ज्यादा कर्ज बांटने व उनकी दिक्कतों को समझने को लेकर हुई जिसमें गडकरी भी मौजूद थे। तीसरे सत्र में इस स्तर पर बात हुई कि किस तरह से कर्ज के पुराने प्रस्तावों को आगे बढ़ाया जाए।

इस सत्र में बैंकों को विवाद से विश्वास तक स्कीम के बारे में भी बताया गया। इसका उद्देश्य यह था कि बैंक अपने ग्राहकों को इस स्कीम के बारे में बताएं, ताकि इसका व्यापक तौर पर फायदा उठाया जाए।वित्त मंत्री ने आश्वस्त किया कि अगर बैंकों ने वाणिज्यिक नफा-नुकसान का आकलन कर कर्ज देने का फैसला किया है तो उनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बारे में आश्वासन दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि बैंकों को अभी भी ब्रांच आधारित सेवाओं पर ज्यादा फोकस करने की जरूरत है। वित्त मंत्री ने इस बैठक के बाद ईज 3.0 नाम से एक कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया जो वर्ष 2020-21 में सरकारी क्षेत्र के बैंकों को ज्यादा तकनीकी आधारित व तत्परता से बैंक सेवा देने के लिए तैयार करेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम से समूचे बैंकिंग सेक्टर की तस्वीर बदलने वाली है।


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