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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय उद्दोग जगत को आयात कम करने और क्षमता निर्माण में निवेश करने का दिया सुझाव

निर्मला सीतारमण ने बुधवार को CII ग्लोबल इकोनॉमी पॉलिसी समिट 2021 को संबोधित करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था में तेजी के स्पष्ट संकेत हैं। उद्योगों को अब जोखिम उठाना शुरू कर देना चाहिए और क्षमता निर्माण में निवेश करना चाहिए जो उनकी आयात निर्भरता को कम करने में मदद करेगा।

By Abhishek PoddarEdited By: Published: Thu, 18 Nov 2021 08:23 AM (IST)Updated: Thu, 18 Nov 2021 08:23 AM (IST)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय उद्दोग जगत को आयात कम करने और क्षमता निर्माण में निवेश करने का दिया सुझाव
निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बयान देते हुए यह कहा कि, "अर्थव्यवस्था में तेजी के स्पष्ट संकेत हैं।

नई दिल्ली, पीटीआइ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बयान देते हुए यह कहा कि, "अर्थव्यवस्था में तेजी के स्पष्ट संकेत हैं। भारतीय उद्योगों को अब जोखिम उठाना शुरू कर देना चाहिए और क्षमता निर्माण में निवेश करना चाहिए, जो उनकी आयात निर्भरता को कम करने में मदद करेगा। मैं भारतीय उद्योग से दृढ़ता से अपील करूंगी कि आपको बढ़ती क्षमताओं को देखते हुए और देरी नहीं करनी चाहिए और नए क्षेत्रों को विकसित करते हुए, ऐसे साझेदारों को खोजना चाहिए जो आपकी क्षमता निर्माण को बढ़ाने में सहयाता कर सकें।" वित्त मंत्री बुधवार को CII ग्लोबल इकोनॉमी पॉलिसी समिट 2021 को संबोधित कर रहीं थी।

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आयात पर निर्भरता कम करने की बात करते हुए मंत्री ने कहा कि, "भारत में विनिर्माण के लिए कच्चे माल या औजारों के आयात में कोई समस्या नहीं है, लेकिन तैयार उत्पादों के आयात पर निर्भरता कम करनी होगी। आज भी जब हम वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमें उनसे जुड़े जोखिमों को समझना और उनका संज्ञान लेना होगा। एक जिम्मेदार भारतीय होने के नाते हमें आयात पर निर्भरता को कम करने की तरफ गंभीरता से ध्यान देना होगा।"

वित्त मंत्री ने अपने संबोधन के दौरान यह कहा कि, "ऐसा नही है कि हमें पूरी तरह से अपने दरवाजे आयात के लिए बंद कर देना चाहिए। लेकिन जब हमारे पास एक बड़ा बाजार और क्षमता मौजूद है तो हमें इस ओर ध्यान देने की जरूरत है कि, हम किस तरह से पूरी तरह से तैयार उत्पादों के आयात पर अपनी निर्भरता को कम कर सकते हैं। भारतीय उद्योगों को आय असमानता को कम करने के लिए नौकरियों की पेशकश करना चाहिए और तैयार माल के आयात में कटौती करने और इसके बजाय इसके विनिर्माण में निवेश को बढ़ाना चाहिए। सरकार उद्दोगों से जुड़ी समस्याओं को खत्म करने की दिशा में गंभीर है, पर यह केवल पुराने कानूनों को खत्म करने से नहीं होगा, इसके लिए उद्योग जगत को भी प्रयास करना होगा।"


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