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दूसरे वित्तीय पैकेज को लेकर सभी विकल्प खुले, ग्रामीण औद्योगिकीकरण की दिशा में आगे बढ़ने की तैयारी : वित्त मंत्री

उन्होंने बैंकों से कहा है कि लोन की गारंटी सरकार ले रही है इसलिए बैंक को लोन देने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।

By NiteshEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 07:32 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 07:26 PM (IST)
दूसरे वित्तीय पैकेज को लेकर सभी विकल्प खुले, ग्रामीण औद्योगिकीकरण की दिशा में आगे बढ़ने की तैयारी : वित्त मंत्री
दूसरे वित्तीय पैकेज को लेकर सभी विकल्प खुले, ग्रामीण औद्योगिकीकरण की दिशा में आगे बढ़ने की तैयारी : वित्त मंत्री

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फिर से संकेत दिया है कि दूसरे वित्तीय पैकेज का विकल्प भी खुला है। सरकार सभी दृष्टिकोण से रोजाना स्तर पर चर्चा कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि गांवों में वापस गए श्रमिकों की कुशलता के सही इस्तेमाल के लिए ग्रामीण औद्योगिकीकरण भी किया जा सकता है। इस दिशा में उन्होंने उद्योग जगत से अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिए कहा। एक कार्यक्रम में सीतारमण ने कहा कि ग्रामीण औद्योगिकीकरण को आगे बढ़ाने के लिए कई राज्य काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। 

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उद्योग जगत का मानना है कि लॉकडाउन होने से अपने-अपने राज्यों में गए एक तिहाई श्रमिक वापस आ गए हैं। एक तिहाई अगले तीन-चार महीने में वापस आ जाएंगे। लेकिन उद्योग जगत का अनुमान है कि एक तिहाई श्रमिक अब वापस नहीं आएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार राज्यों के औद्योगिक नेतृत्व से ग्रामीण औद्योगिकीकरण के लिए बात कर रही है। ताकि अब तक के अनछुए बाजार का अन्वेषण किया जा सके। ग्रामीण औद्योगिकीकरण में ग्रामीण इलाके के कुशल कामगारों की मदद ली जाएगी और गांवों में ही वैश्विक स्तर के उत्पाद बनाने का इको सिस्टम तैयार किया जाएगा। 

सरकार इस काम में उद्योग जगत की हर मदद के लिए तैयार है।कार्यक्रम में उनसे सवाल पूछा गया था कि दूसरे वित्तीय पैकेज की घोषणा कब तक की जाएगी।सीतारमण ने कहा कि सरकार ने किसी भी विकल्प को बंद नहीं किया है। सरकार ने सभी विकल्प खोल रखे हैं और इस मामले में सरकार औद्योगिक जगत एवं सभी प्रकार के स्टेकहोल्डर्स से लगातार विचार-विमर्श कर रही है। कोरोना महामारी से लड़ने के लिए सरकार 20.9 लाख करोड़ के वित्तीय पैकेज की घोषणा पहले ही कर चुकी है। इस पैकेज की वजह से ग्रामीण भारत की आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है और वहां खपत भी बढ़ रही है। 

अब शहरी इलाके में खपत बढ़ाने के लिए दूसरे वित्तीय पैकेज की उम्मीद की जा रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार बैंकों को सर्विस सेक्टर को भी लोन देने के लिए दबाव डाल रही है ताकि वे भी अपने कामकाज को फिर से शुरू कर सके। उद्यमियों की शिकायत है कि बैंक सिर्फ उन्हीं लोगों को लोन देने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं जिनके कारोबार चल रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि जिन उद्यमियों के कारोबार नहीं चल रहे हैं, उन्हें सरकार ने छोड़ा नहीं है। उन्होंने बैंकों से कहा है कि लोन की गारंटी सरकार ले रही है, इसलिए बैंक को लोन देने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।

केसीसी धारकों को 89,810 करोड़ रुपये मंजूर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि बैंकों ने किसानों को खरीफ बुवाई और संबद्ध गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए लगभग 1.1 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) धारकों को 89,810 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। 20.97 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज के हिस्से के रूप में, सरकार ने केसीसी के माध्यम से 2.5 करोड़ किसानों को, मछुआरों और पशुपालन से जुड़े लोगों को 2 लाख करोड़ रुपये रियायती ऋण देने की घोषणा की थी।


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