एक साल तक IBC के तहत शुरू नहीं होगी कोई नई दिवालिया प्रक्रिया, कई चूकें अपराध की श्रेणी से होंगी बाहर
Finance Minister Nirmala Sitharaman ने कहा कि छोटी तकनीकी और प्रक्रियात्मक चूक को अपराध से बाहर किया जाएगा।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को लगातार पांचवे दिन आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत कई बड़ी घोषणाएं की हैं। कोरोना वायरस के चलते बकाया लोन को लेकर तनावग्रस्त कंपनियों को राहत देते हुए वित्त मंत्री ने रविवार को कहा कि इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत एक साल के लिए कोई नई दिवालिया प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी। साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से जुड़े कर्ज को डिफॉल्ट की परिभाषा से बाहर रखा जाएगा।
आईबीसी में बदलाव के लिए आएगा अध्यादेश
वित्त मंत्री ने कहा कि दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की न्यूनतम सीमा को एक लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह एमएसएमई को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि आईबीसी में इस बदलाव के लिए एक अध्यादेश लाया जाएगा। वित्त मंत्री ने रविवार को कंपनीज एक्ट के डीक्रिमिनलाइजेशन करने की भी बात कही।
छोटी तकनीकी चूक अपराध से होगी बाहर
वित्त मंत्री ने कहा कि छोटी तकनीकी और प्रक्रियात्मक चूक को अपराध से बाहर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीएसआर रिपोर्टिंग में कमी, बोर्ड की रिपोर्ट में अपर्याप्तता, फाइलिंग में कमियां और एजीएम आयोजित करने में देरी जैसी चूकों को कंपनीज एक्ट के अंतर्गत अपराध से बाहर रखा जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे अदालतों से बोझ कम होगा और कंपनी का उत्पीड़न भी नहीं होगा।
सात कंपाउंडेबल अपराधों को पूरी तरह से हटाया जाएगा
निर्मला सीतारमण ने कहा कि कंपाउंडेबल अपराधों के कई हिस्सों को आंतरिक न्यायिक तंत्र (IAM) में स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन संशोधनों को एक अध्यादेश के माध्यम से लाया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि कंपनी अधिनियम के तहत सात कंपाउंडेबल अपराधों को पूरी तरह से हटा दिया जाएगा और पांच को वैकल्पिक ढांचे के तहत निपटा दिया जाएगा। साथ ही सरकार ने कंपनियों को जायज विदेशी क्षेत्राधिकार में प्रतिभूतियों को सीधे सूचीबद्ध करने की अनुमति दी है।