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MSME निर्यातकों के पास अप्रैल की सैलरी देने के लिए पैसे नहीं, राहत पैकेज की जरूरत: FIEO

FIEO ने चुनिंदा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और खासकर एक्सपोर्ट यूनिट्स के परिचालन शुरू करने से जुड़े फैसले को टाले जाने पर निराशा प्रकट की।

By Ankit KumarEdited By: Published: Tue, 14 Apr 2020 04:22 PM (IST)Updated: Wed, 15 Apr 2020 07:00 AM (IST)
MSME निर्यातकों के पास अप्रैल की सैलरी देने के लिए पैसे नहीं, राहत पैकेज की जरूरत: FIEO
MSME निर्यातकों के पास अप्रैल की सैलरी देने के लिए पैसे नहीं, राहत पैकेज की जरूरत: FIEO

नई दिल्ली, पीटीआइ। निर्यातकों के शीर्ष संगठन FIEO ने मंगलवार को कहा कि सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योग (MSME) लॉकडाउन के दौरान किसी तरह की व्यावसायिक गतिविधियां नहीं चला पा रहे हैं। इस वजह से MSME कंपनियों के पास अपने कर्मचारियों को अप्रैल का वेतन देने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं। फेडरेशन ऑफ इंडिया एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) ने एक बार फिर कहा कि सरकार को तत्काल प्रोत्साहन पैकेज का एलान करना चाहिए और विनिर्माण इकाइयों में आंशिक तौर पर ऑपरेशन्स शुरू करने की अनुमति देनी चाहिए। FIEO के अध्यक्ष शरद कुमार सर्राफ ने बयान जारी कर कहा, ''निर्यातकों और खासकर एमएसएमई निर्यातकों को पास अप्रैल में वेतन भुगतान के लिए पैसे नहीं हैं क्योंकि लॉकडाउन के दौरान वे किसी तरह का बिजनेस नहीं कर पा रहे हैं।'' 

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उन्होंने चुनिंदा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और खासकर एक्सपोर्ट यूनिट्स के परिचालन शुरू करने से जुड़े फैसले को टाले जाने पर निराशा प्रकट की। 

उन्होंने कहा, ''हम प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संदेश में इस तरह की कुछ घोषणाओं की उम्मीद कर रहे थे। डिलिवरी शिड्यूल का पालन नहीं करने पर निर्यात से जुड़े ऑर्डर कैंसल हो जाएंगे। साथ ही जुर्माना देना पड़ेगा और मार्केट लॉस भी होगा।''

सर्राफ ने साथ ही कहा कि श्रमिकों, कच्चे माल एवं ट्रांसपोर्ट के अभाव के कारण चुनिंदा विनिर्माण इकाइयों को शुरू करना बहुत कठिन लड़ाई साबित होने वाली है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि वर्तमान लॉकडाउन तीन मई तक जारी रहेगा क्योंकि कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिए ऐसा करना जरूरी है। 

सर्राफ ने कहा कि कोविड-19 से सबसे बुरी तरह प्रभावित देशों में से एक स्पेन ने भी इकोनॉमी को खोलना शुरू कर दिया है। 

सर्राफ ने इकोनॉमी के हालात सुधारने के लिए समग्र आर्थिक पैकेज की मांग की। उन्होंने कहा कि छह माह के वेतन, रेंट और अन्य खर्चों के लिए बिना ब्याज के कर्ज मिलना चाहिए। इसके साथ ही छह माह के बाद कर्ज के किस्त में भुगतान के लिए मोराटोरियम का प्रावधान होना चाहिए।

नितिन गडकरी ने भारतीय कंपनियों से MSME का बकाया चुकाने के लिए कहा

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को भारतीय कंपनियों से कहा है कि वे एमएसएमई को सारा बकाया भुगतान कर दें। गडकरी ने कहा कि इस सेक्टर के नकदी के संकट को दूर करने के लिए यह भुगतान जल्द से जल्द किया जाना चाहिए। फिक्की के सीनीयर इंडस्ट्री मेंबर्स के साथ एक वीडियो कांफ्रेंस के जरिए चर्चा के दौरान एमएसएमई मंत्री ने इंडस्ट्री को उनके द्वारा लंबित बकाया राशि को चुकाने के लिए प्रोत्साहित किया। गड़करी ने कहा, 'मैं आपसे निवेदन करना चाहता हूं कि बड़े उद्योगों के पास एमएसएमई का काफी बकाया है। हम पहले इस तरह के भुगतानों के संबंध में कड़े नियमों को लागू करने वाले कानून पर विचार कर रहे थे। हालांकि, यह इसके लिए सही समय नहीं है।' 


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