इंडिया इंक का बिजनेस कांफिडेंस दशक के सर्वोच्च स्तर पर, सुधरते हालात और बेहतर उम्मीदों से आए नतीजे
लॉकडाउन के दौरान ठहरी हुई मांग अब निकल रही है। हालांकि इस दौरान कच्चे माल की बढ़ती कीमतों में जरूरी कुछ चिंता बढ़ाई है। फिक्की के सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाली कंपनियों ने कच्चे माल व श्रम की लागत बढ़ने और पर्याप्त कर्ज की
नई दिल्ली, पीटीआइ। सुधरते हालात और बेहतर उम्मीदों के दम पर भारतीय उद्यमों का भरोसा बढ़ा है। उद्योग संगठन फिक्की का ओवरऑल बिजनेस कांफिडेंस इंडेक्स 74.2 पर पहुंच गया है। यह एक दशक का सर्वोच्च स्तर है। पिछले सर्वेक्षण में इंडेक्स 70.9 रहा था और सालभर पहले मात्र 59 पर था। कांफिडेंस इंडेक्स का ऊंचा स्तर मांग में सुधार और विभिन्न पैमानों पर बेहतर उम्मीदों का संकेत है।
लॉकडाउन के दौरान ठहरी हुई मांग अब निकल रही है। हालांकि इस दौरान कच्चे माल की बढ़ती कीमतों में जरूरी कुछ चिंता बढ़ाई है। फिक्की के सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाली कंपनियों ने कच्चे माल व श्रम की लागत बढ़ने और पर्याप्त कर्ज की व्यवस्था नहीं हो पाने को इस साल की बड़ी चिंताओं में शुमार किया। रिपोर्ट में कहा गया कि जिस तरह से वैश्विक स्तर पर सप्लाई चेन में शिफ्ट देखने को मिल रहा है, ऐसे में लागत बढ़ना भारतीय कंपनियों के लिए मुश्किल पैदा कर सकती है।
फिक्की ने कहा कि कर्जों पर उच्च ब्याज लागत, उच्च आवक, रसद लागत और बार-बार बदलते वैधानिक अनुपालनों और बढ़ी हुई श्रमशक्ति की लागत पर अधिक नियम के बोझ से भारत में व्यापार करने की लागत में वृद्धि हो रही है। इसने कहा कि यह मौजूदा माहौल में अच्छा नहीं है, जिसमें वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव देखा जा रहा है।
फिक्की ने कहा कि स्थितियों में सुधार के साथ-साथ उम्मीदों ने पूरे सर्वेक्षण में समग्र व्यापार विश्वास सूचकांक मूल्य को काफी नीचे खींच लिया है। फिक्की ने कहा कि केंद्रीय बजट 2021-22 से आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है।
इसने आत्मानिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में घोषित किए गए उपायों के साथ उद्योग के सदस्यों के बीच एक उम्मीद को प्रभावित किया है और इसे विभिन्न परिचालन मापदंडों के लिए बेहतर दृष्टिकोण में शामिल किया गया है।
सर्वेक्षण में बताया गया है कि अगले छह महीनों में अधिक से अधिक मुनाफे का हवाला देते हुए प्रतिभागियों का प्रतिशत पिछले सर्वेक्षण में 33 प्रतिशत उत्तरदाताओं से बढ़कर 36 प्रतिशत हो गया है।