रोजगार में बढ़ोतरी के दम पर मैन्युफैक्चरिंग में तेजी, 14 महीनों की ऊंचाई पर PMI
बिक्री उत्पादन और रोजगार में हुई बढ़ोतरी के दम पर निक्केई इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स फरवरी महीने में 54.3 के स्तर पर जा पहुंचा जो जनवरी में 53.9 था। कारोबारी
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क/एजेंसी)। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी का दौर लगातार जारी है। फरवरी महीने में देश का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 14 महीनों की ऊंचाई पर जा पहुंचा।
बिक्री, उत्पादन और रोजगार में हुई बढ़ोतरी के दम पर निक्केई इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स फरवरी महीने में 54.3 के स्तर पर जा पहुंचा, जो जनवरी में 53.9 था। कारोबारी स्थितियों में हुए जबरदस्त सुधार की वजह से इंडेक्स में तेजी आई है।
लगातार 19वें महीने पीएमआई इंडेक्स 50 प्वाइंट के ऊपर रहा है। पीएमआई इंडेक्स के 50 से ऊपर रहने का मतलब क्षेत्र में विस्तार है, जबकि इससे नीचे होने का मतलब संकुचन होता है।
सर्वे के मुताबिक दिसंबर 2017 के बाद से कारोबारी स्थिति में मजबूत सुधार हुआ है, जिसका असर फरवरी के डेटा में देखने को मिला है।
आईएचएस मार्किट की मुख्य अर्थशास्त्री पोलियाना डी लिमा ने कहा, 'वित्त वर्ष 2018 की आखिरी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी आई है।'
लिमा ने कहा कि रोजगार में आई तेजी पिछले साढ़े छह साल के दौरान की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है क्योंकि उत्पादकों ने उत्पादन क्षमता में इजाफा किया है।
महंगाई के मोर्चे पर भी लागत खर्च में राहत मिली है। विशेषज्ञों के मुताबिक महंगाई में आई कमी की वजह से भारतीय रिजर्व बैंक आने वाले दिनों में ज्यादा नरम मौद्रिक रुख अख्तियार कर सकता है। आरबीआई की अगली मौद्रिक समीक्षा बैठक 2-4 अप्रैल को होनी है।
इसके साथ ही आईएचएस मार्किट ने वित्त वर्ष 2019 के लिए जीडीपी पूर्वानुमान को 7.1 फीसद से घटाकर 7 फीसद कर दिया है।
गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.6 फीसद रही है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने इसके साथ ही वित्त वर्ष 2019 के लिए जीडीपी पूर्वानुमान को 7.2 फीसद से घटाकर 7 फीसद कर दिया है।
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