Crude Oil Price: कच्चे तेल की गिरती कीमत से चालू खाते के घाटे के साथ महंगाई पर काबू में मदद
वैश्विक मांग में कमी से कच्चे तेल की कीमत लगातार कम हो रही है और इसका सीधा फायदा भारत को मिलता दिख रहा है। कच्चे तेल की गिरती कीमत से वित्त वर्ष 2022-23 में चालू खाते के घाटे (सीएडी) को कम करने में मदद मिलेगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वैश्विक मांग में कमी से कच्चे तेल की कीमत लगातार कम हो रही है और इसका सीधा फायदा भारत को मिलता दिख रहा है। कच्चे तेल की गिरती कीमत से वित्त वर्ष 2022-23 में चालू खाते के घाटे (सीएडी) को कम करने में मदद मिलेगी। दूसरी तरफ चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में खर्च बजट अनुमान से कम हुआ है तो टैक्स संग्रह में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले तेजी दिख रही है। इससे राजकोषीय घाटे को लक्ष्य से कम करने में मदद मिलेगी।
इस वर्ष राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 6.4 फीसद
चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 6.4 फीसद है। कच्चे तेल के दाम कम होने से महंगाई भी कम होगी और विकास दर की गति को भी बढ़ाना संभव हो सकेगा। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में ब्रेंट क्रूड की औसत कीमत 104 डॉलर प्रति बैरल रही। उसके बाद अक्टूबर और नवंबर में ब्रेंट क्रूड की औसत कीमत 94 डॉलर प्रति बैरल हो गई है।
दूसरी छमाही में ब्रेंट की औसत कीमत कम रहने की उम्मीद
हालांकि, यूरोप से कच्चे तेल की मांग मे तेजी और चीन की जीरो कोविड नीति में ढील से कच्चे तेल के दाम में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है। अभी ब्रेंट का मूल्य 85-86 डॉलर प्रति बैरल चल रहा है और बढ़ोतरी के बाद यह अधिकतम 95 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है। इसके बावजूद दूसरी छमाही में ब्रेंट की औसत कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे रहने की उम्मीद है।
पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें भी रहेंगी कम
वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में चालू खाते का घाटा जीडीपी का 3-3.2 फीसद तक रहने का अनुमान है जबकि क्रूड की कीमत 105 डॉलर प्रति बैरल तक रहने पर चालू खाते का घाटा जीडीपी के 3.9 फीसद तक जा सकता था। क्रूड के दाम कम रहने से पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें भी कम रहेंगी, जिससे महंगाई को काबू रखने में भी मदद मिलेगी। दूसरी तरफ चालू वित्त वर्ष में सरकार ने 39.4 लाख करोड़ रुपए के खर्च का बजट अनुमान लगाया है जबकि पहली छमाही में 18.2 लाख करोड़ रुपए ही खर्च हो पाए हैं। पहली छमाही में बजट में अनुमानित राजस्व संग्रह का 52.7 फीसद राजस्व हासिल कर लिया गया है। इसलिए वित्त मंत्रालय राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने प्रति पूरी तरह से आश्वस्त हैं।