प्रमुख क्षेत्रों की निर्यात विकास दर घटी
इस वर्ष सितंबर में 30 में से 16 सेक्टर की निर्यात विकास दर नकारात्मक रही है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। इस वर्ष सितंबर में 30 में से 16 सेक्टर की निर्यात विकास दर नकारात्मक रही है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इनमें चावल, चाय, तंबाकू, कहवा (कॉफी), इंजीनियरिंग, चमड़ा, मसाले, काजू, फल और सब्जियां, समुद्री उत्पाद तथा रत्न व आभूषण जैसे प्रमुख सेक्टर शामिल हैं। अर्थव्यवस्था में इन क्षेत्रों के महत्व के चलते वाणिज्य मंत्रालय इन सभी 30 सेक्टर के निर्यात पर करीब से नजर रखता है। सितंबर में सकल निर्यात 2.15 फीसद घटकर 27.95 अरब डॉलर (2,000 अरब रुपये) से कुछ ज्यादा रहा।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) के प्रेसिडेंट गणोश गुप्ता ने कहा कि सितंबर में निर्यात की विकास दर नकारात्मक इसलिए रही है क्योंकि पिछले वर्ष समान अवधि में निर्यात का आधार बहुत बड़ा था। हालांकि उन्होंने कहा कि कंपनियों के पास बड़ी संख्या में ऑर्डर उपलब्ध हैं। इसका मतलब यह है कि आने वाले महीनों में प्रमुख क्षेत्रों की निर्यात विकास दर में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि ब्याज सब्सिडी तीन फीसद से बढ़ाकर पांच फीसद करने जैसे कदमों से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। गुप्ता ने यह भी कहा कि निर्यात गति बेहतर होने जैसे महत्वपूर्ण समय में विभिन्न सेक्टरों को कर्ज मिलने में दिक्कत हो रही है, जिससे निर्यात प्रभावित हो सकता है।
सितंबर में इंजीनियरिंग सेग्मेंट की निर्यात विकास दर 4.12 फीसद घट गई। वहीं, टैक्सटाइल के रेडीमेड वस्त्र सेक्टर की निर्यात विकास दर को 33.58 फीसद गिरावट का सामना करना पड़ा। जेम्स व ज्वैलरी का निर्यात सितंबर में 21.5 फीसद, जबकि चमड़ा उत्पादों का निर्यात 13 फीसद लुढ़क गया। देश के निर्यात में इन चारों क्षेत्रों का बेहद महत्वपूर्ण योगदान रहता है। देश के सकल निर्यात में 10 फीसद हिस्सेदारी रखने वाले कृषि क्षेत्र की विकास दर भी सितंबर में नकारात्मक रही। कुल मिलाकर, प्रमुख कृषि उत्पादों के 13 में से आठ सेक्टर की निर्यात विकास दर नकारात्मक रही। हालांकि फार्मास्युटिकल्स, प्लास्टिक, केमिकल्स तथा इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्यात में सितंबर के दौरान बढ़ोतरी देखी गई। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अगस्त अवधि में देश की निर्यात विकास दर में 12.54 फीसद का इजाफा हुआ था।