Move to Jagran APP

रेट कट की उम्मीदों पर बाजार में दिख सकती है तेजी, US-चीन ट्रेड टॉक पर भी रहेगी निवेशकों की नजर

कोटक सिक्युरिटीज में पीसीजी रिसर्च के वाइस प्रेसिडेंट संजीव जरबाड़े का मानना है कि अमेरिका और चीन में कारोबारी वार्ता की प्रगति पर भी निवेशकों की नजर रहेगी। (PCPixabay)

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 08:39 AM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 08:39 AM (IST)
रेट कट की उम्मीदों पर बाजार में दिख सकती है तेजी, US-चीन ट्रेड टॉक पर भी रहेगी निवेशकों की नजर
रेट कट की उम्मीदों पर बाजार में दिख सकती है तेजी, US-चीन ट्रेड टॉक पर भी रहेगी निवेशकों की नजर

नई दिल्ली, एजेंसी। इस सप्ताह आरबीआइ की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के संभावित नतीजों को लेकर जानकारों और विश्लेषकों ने सकारात्मक नजरिया रखा है। ज्यादातर विश्लेषकों का मानना है कि अपेक्षाकृत नियंत्रण में रही महंगाई दर और बाजार की मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए आरबीआइ एक बार फिर नीतिगत ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। हालांकि कुछ विश्लेषकों का यह भी मानना है कि पिछले दिनों सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स में जो कटौती की है, उसका राजकोषीय घाटे नकारात्मक असर दिख सकता है। अगर आरबीआइ इस असर को ध्यान में रखता है, तो उसके पास रेपो रेट में कटौती करने की ज्यादा गुंजाइश नहीं है। केंद्रीय बैंक इस सप्ताह शुक्रवार को अगले दो महीनों के लिए मौद्रिक नीतियों की घोषणा करेगा।

prime article banner

इस सप्ताह निवेशकों की नजर कई अन्य महत्वपूर्ण आंकड़ों पर भी रहेगी, जिनमें मंगलवार को ऑटो सेक्टर की बिक्री के आने वाले आंकड़े प्रमुख हैं। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही इस सेक्टर पर भारी गुजरी है और कई कंपनियों की बिक्री विकास दर आंकड़े डरावने रहे हैं। सेक्टर को त्योहारी सीजन से बड़ी उम्मीद है। अगर आरबीआइ रेपो रेट में कटौती करता है और ऑटो लोन की दरें कम होती हैं तो सेक्टर को बड़ी मदद मिल सकती है।

गौरतलब है कि आरबीआइ इस वर्ष अब तक रेपो रेट में 1.10 फीसद तक की कटौती कर चुका है। अगस्त में 25 आधार अंकों की उम्मीद से ज्यादा कटौती से पहले आरबीआइ रेपो रेट में 75 आधार अंकों की कटौती कर चुका था। लेकिन बैंकों ने इसका बहुत कम फायदा ग्राहकों तक पहुंचाया। इसी को देखते हुए आरबीआइ ने पिछले दिनों कहा कि बैंकों को अपनी कर्ज दरें किसी न किसी बाहरी बेंचमार्क से लिंक करनी ही होंगी। इसी के तहत ज्यादातर बैंक पहली अक्टूबर से अपने रिटेल लोन रेपो रेट से लिंक करने वाले हैं।

कोटक सिक्युरिटीज में पीसीजी रिसर्च के वाइस प्रेसिडेंट संजीव जरबाड़े का मानना है कि अमेरिका और चीन में कारोबारी वार्ता की प्रगति पर भी निवेशकों की नजर रहेगी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग से जुड़ी खबरों पर भी बाजार बेहद सतर्क नजर रखने वाला है। वहीं, एपिक रिसर्च के सीईओ मुस्तफा नदीम का कहना है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के वित्तीय नतीजे भी अगले कुछ दिनों में आने शुरू हो जाएंगे। पिछली कुछ तिमाहियों से भारतीय कंपनियों की विकास दर उम्मीद के मुताबिक नहीं रही है। ऐसे में दूसरी तिमाही से कंपनियों को बड़ी उम्मीद रहेगी। गौरतलब है कि दूसरी तिमाही के नतीजे अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से आने लगेंगे। गौरतलब है कि इस सप्ताह बुधवार को गांधी जयंती के उपलक्ष्य में शेयर बाजार बंद रहेंगे।

छह कंपनियों का बाजार पूंजीकरण बढ़ा

बीएसई-सेंसेक्स की 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से छह के बाजार पूंजीकरण में संयुक्त रूप से 1.26 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। पूंजीकरण में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी आरआइएल और एचडीएफसी बैंक में दर्ज की गई। इनके अलावा एचयूएल, कोटक म¨हद्रा बैंक, आइटीसी और आइसीआइसीआइ बैंक भी पूंजीकरण बढ़ाने में कामयाब रहे। हालांकि, एसबीआइ, इन्फोसिस, एचडीएफसी और टीसीएस के बाजार पूंजीकरण में पिछले सप्ताह गिरावट आई। पिछले सप्ताह आरआइएल का बाजार पूंजीकरण 34,453.13 करोड़ रुपये बढ़कर 8,29,632.75 करोड़ रुपये पर जा पहुंचा।

एचडीएफसी बैंक के बाजार पूंजीकरण में 24,098.72 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ। पिछले सप्ताह शुक्रवार को कारोबार खत्म होने पर बैंक का बाजार पूंजीकरण 6,80,645.09 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। पिछले सप्ताह बीएसई सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में क्रम से आरआइएल, टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, एचयूएल, एचडीएफसी, इन्फोसिस, कोटक म¨हद्रा बैंक, आइटीसी, आइसीआइसीआइ बैंक और एसबीआइ शामिल रहीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.